जनता दल (यू) ने चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में समाजवादी आंदोलन से प्रभावित क्षेत्रों में अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। जद (यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मणिपुर विधानसभा चुनावों में समाजवादी आंदोलन से प्रभावित क्षेत्रों में सीमित सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता पार्टी के प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की। पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने संवाददाता सम्मेलन में कार्यकारिणी के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पार्टी पहले भी गुजरात, नागालैंड और कर्नाटक में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ती रही है।
चार राज्यों में JDU अकेले लड़ेगी चुनाव
जद(यू) चार राज्यों में चुनाव न तो किसी पार्टी को हराने के लिए और न ही जिताने के लिए लड़ेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के लिए बिहार में सीटों के तालमेल के वास्ते पार्टी के पास कोई प्रस्ताव नहीं आया है और भारतीय जनता पार्टी की ओर से यदि प्रस्ताव आयेगा तो उस पर मिल- बैठकर निर्णय कर लिया जायेगा।
जद (यू) नेता ने कहा कि बैठक में नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार, अपराध और साम्प्रदायिकता को लेकर उनकी नीति पहले की तरह चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में आपराधिक मामलों के कारण 50 हजार लोगों को जेल भेजा गया है और मुकदमों के जल्द से जल्द निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है।
उन्होंने भागलपुर और नवादा में हुई साम्प्रदायिक घटनाओं की निंदा की और कहा कि समाज में अशांति फैलाने को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की लड़ाई जारी रहेगी।
त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन टूटने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले थे और भ्रष्टाचार पर पार्टी का नजरिया साफ करने को कहा था लेकिन इस पर उन्हें अब तक कोई संदेश नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर नजरिया साफ करने के बाद ही कांग्रेस से बातचीत होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में 2019 के लोकसभा चुनावों और सभी राजनीतिक फैसलों के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है। बैठक में पार्टी के प्रभाव क्षेत्र का विस्तार करने तथा उसे मजबूत बनाने पर भी बल दिया गया। बैठक में 17-18 राज्यों के पार्टी प्रतिनिधि शामिल हुए।