कर्नाटक : ‘मलाईदार मंत्रालयों’ को लेकर जेडीएस-कांग्रेस के बीच मामला फंसा, CM कुमारस्वामी अड़े

NULL
कर्नाटक : ‘मलाईदार मंत्रालयों’ को लेकर जेडीएस-कांग्रेस के बीच मामला फंसा, CM कुमारस्वामी अड़े
Published on

 ‌'सिर मुडंवाते ही ओले पड़े'  कर्नाटक की राजनी‌ति में यह कहावत ठीक बैठती है । कर्नाटक में जेडी (एस) नेता कुमारस्वामी को सीएम पद की शपथ लिए अभी एक हफ्ता ही हुअा है, और कांग्रेस-जेडीएस में आपसी खींचतान जारी है। अब 'मलाईदार मंत्रालयों' को लेकर जेडीएस-कांग्रेस के बीच मामला फंसा दिख रहा है। इस बारे में डील तो फाइनल है कि जेडीएस के 12 और कांग्रेस के 22 मंत्री होंगे, लेकिन दोनों के बीच महत्वपूर्ण मंत्रालयों को लेकर गतिरोध बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक सीएम एचडी कुमारस्वामी गृह और वित्त विभाग अपने पास ही रखना चाहते हैं।  राज्य की जनता को अब भी इस बात का इंतजार है कि उसे एक मंत्रिमंडल मिले जो विकास के कार्यों को आगे बढ़ा सके।

दूसरी तरफ, कांग्रेस के नेताओं में सत्ता में हिस्सेदारी को लेकर आपसी खींचतान भी चल रहा है। डीके शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे अपने बेटे को कोई बढ़िया पोस्ट दिलाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। सिद्धारमैया भी अपने बेटे को कैबिनेट में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं।

कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में खासकर वित्त, बिजली, पीडब्ल्यूडी, स्वास्थ्य, खनन, एक्साइज आदि मंत्रालयों को लेकर खींचतान जारी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस वित्त, गृह, कृषि, शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग मांग रही है, लेकिन जेडीएस इन्हें देने को तैयार नहीं दिख रही। ऐसे में जेडीएस की कोशिश यह है कि उसे इनमें से कम से कम दो-तीन विभाग तो मिल जाएं।

जेडीएस नेता कुमारस्वामी के साथ ही राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्ल‍िकार्जुन खड़गे, जी. परमेश्वर, सिद्धारमैया, डी.के. शिवकुमार दिल्ली में जमे हुए हैं। इन सबके बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक नतीजा कुछ नहीं निकला है. राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका में हैं। मंत्रिमंडल के मुद्दे के अलावा कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के बीच और भी ऐसा बहुत कुछ है जो पटरी पर गठबंधन की गाड़ी के रफ्तार पकड़ने में रुकावट डाल रहा है। कुमारस्वामी ने अभी सदन में बहुमत भी हासिल नहीं किया था कि उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने बयान दिया था कि अभी ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है कि कुमारस्वामी ही 5 साल तक मुख्यमंत्री रहेंगे।

वहीं मोदी विरोध के नाम पर पूरे 5 साल सरकार चलाने का दंभ भरने वाले राज्य के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कांग्रेस पर ये कहते हुए निशाना साधा कि वो कांग्रेस की कृपा पर निर्भर हैं। दूसरे शब्दों में गठबंधन की मजबूरी के चलते हाथ बंधे होने का इशारा दे रहे हैं। कुमारस्वामी सीएम तो बन गए हैं, लेकिन कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं। कभी बेंगलुरू तो कभी दिल्ली, दोनों जगह बैठकों के दौर जारी हैं, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकल रहा।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक  करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Punjab Kesari
www.punjabkesari.com