हालिया सर्वे रिपोर्ट्स के अनुसार बेहद चौंकाने वाले खुलासा किया गया है जिसमे पाया गया है की किस तरह भारत में लोग ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते है। आंकड़े बताते है सिर्फ दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े महानगरों में लोगों ने इस वर्ष में अबतक करीब 20 करोड़ से ऊपर का जुरमाना भरा है वो भी ट्रैफिक नियमों का पालन न करने की वजह से।
हर साल भारत में करीब 1.5 लाख मौतें सड़क हादसों में होती है, और घायलों के कोई स्पष्ट आंकडें नहीं है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है उनके पास पर्याप्त बल न होने की वजह से उनके लिए हर जगह ट्रैफिक पुलिस दस्ते की तैनाती करना मुश्किल है। साथ ही उन्होंने कहा भारत में लोगों को ट्रैफिक रूल्स तोड़ने में न तो डर लगता है और पकडे जाने पर जुरमाना भरने में भी दिक्कत नहीं है।
जरूरी है नियम इतने सख्त किये जाए की लोग ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए सोचे। भारत में गलत दिशा में गाडी चलाने से सबसे ज्यादा हादसे होते है और गलत दिशा में गाडी चलते हुए पकडे जाने पर पहली बार 1000 रूपए का चालान है, दूसरी बार 2000 रूपए का पर ये शायद लोगों के लिए ये नाकाफी है।
भारत को भी ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने के लिए अब उच्च तकनीक अपनाने की जरुरत है पर इसमें अभी काफी समय लग सकता है। इसलिए हम अपने नियम कड़े कर सकते है जैसा की विदेशों में होता है। आपको बता दें अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में गलत दिशा में गाडी चलते हुए पकडे जाने पर आपका लाइसेंस जब्त किया जा सकता है और साथ ही भारी जुरमाना और कैद का भी प्रावधान है।
लोगों के लिए ये समझना बहुत जरूरी है की नियम उनकी सुरक्षा के लिए है और जरा सी जल्दबाजी उनके साथ-साथ बाकी लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो जाती है। ट्रैफिक पुलिस सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अपीअल करने की सोच रही है जिसमे ट्रैफिक नियमों को बदला जाए और कड़े कानून बनाये जाए तभी इस देश की ट्रैफिक व्यवस्था सुधर सकती है।