कोपर्डी गांव में गैंगरेप और मर्डर केस में आज अहमदनगर अदालत ने तीनों दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। बता दे कि अहमदनगर जिला और सेशन कोर्ट ने जितेंद्र बाबूलाल शिंदे, संतोष गोरख भावल और नितिन गोपीनाथ भाईलुमे को मौत की सजा सुनाई है। जिला और अतिरिक्त सत्र जस्टिस सुवर्णा केवले ने 22 नवंबर को कोपर्डी गांव में पिछले साल 15 साल की लड़की से रेप के बाद हत्या के मामले में शिंदे, भावल और भाईलुमे को बलात्कार, हत्या और आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया था।
भावल के वकील बालासाहब खोपड़े ने दलील दी थी कि उसके मुवक्किल को फांसी की सजा नहीं दी जाए। हालांकि विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम ने इसे दुर्लभतम मामला बताते हुए तीनों दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी।
आपको बता दे कि 13 जुलाई 2016 को 15 साल की एक बच्ची का इन तीनों ने अहमदनगर जिले के कोपर्डी गांव में बलात्कार किया था और फिर उसे मार डाला था। पीड़ित की तरफ से कोर्ट में उज्ज्वल निकम ने कहा था कि यह दुर्लभ मामला है इसलिए तीनों को सजा ए मौत दी ही जानी चाहिए।
लड़की मराठा थी इसलिए घटना के बाद मराठाओं ने पूरे महाराष्ट्र में प्रदर्शन किए थे। उन लोगों ने इस घटना में न्याय के साथ-साथ काफी वक्त से लंबित पड़े आरक्षण के मुद्दे को भी हवा दी थी। मराठाओं द्वारा पढ़ाई और नौकरी में आरक्षण की मांग की गई थी।
इस मामले में अहमदनगर पुलिस ने 350 पन्नों की चार्जशीट फाइल की थी इन लोगों को आईपीसी की धारा 302 (मर्डर), 376 (रेप) के साथ पोस्को एक्ट के तहत दोषी पाया गया था।