रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में विपक्ष में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर बहस छिड़ी हुई है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव ने मीडिया में अपने हवाले से आई उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने खुद को सीएम पद का दावेदार बताया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उन्होंने इस तरह की बातें कभी नहीं कही। राज्य कांग्रेस में दर्जन भर से अधिक वरिष्ठ नेता सीएम पर के दावेदार हैं।
वहीं वे इसकी योग्यता भी रखते हैं। दरअसल, बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष के हवाले से आई खबरों के आधार पर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई थी। वहीं कांग्रेस में अंदरूनी हलकों में ही इस तरह की कवायदें नजर आने लगी थी कि वरिष्ठ नेताओं में इस बयान को लेकर मतभेद की स्थिति है।
हालांकि प्रदेश कांग्रेस के मुखिया ने साफ कर दिया था कि कांग्रेस का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना है। चुनाव के बाद पार्टी आलाकमान को तय करना है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा। हालांकि राज्य में कांग्रेस इस बार मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट कर चुनावी मैदान में उतरेगी या नहीं इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कांग्रेस में सीएम प्रोजेक्ट करने को लेकर कई तरह के अंदरूनी मतभेद भी हैं।
सीएम प्रोजेक्शन की स्थिति में गुटीय संघर्ष बढऩे की आशंका है। इसलिए भी कई नेताओं ने सामूहिक नेतृत्व का हवाला दिया है। इधर एक वर्ग का मानना है कि सीएम का चेहरा आगे करने के बाद सभी को उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए।
हालांकि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के योग्य और अनुभवी नेताओं की कमी नहीं है। राज्य में कांग्रेस के मुखिया भूपेश बघेल समेत नेता प्रतिपक्ष के अलावा चरणदास महंत, रविन्द्र चौबे,मोहम्मद अकबर, सत्यनारायण शर्मा, धनेन्द्र साहू जैसे दिग्गजों को भी इससे जोड़ा जा सकता है। इसके बावजूद सीएम को लेकर सस्पेंस की स्थिति है। वहीं आलाकमान ने भी इस मामले में कोई संकेत नहीं दिए हैं।
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