पटना : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकांपा) ने आज कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने वोटों के ध्रुवीकरण के लिये जानबूझ कर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का विवाद खड़ा किया है और भारतीय मुसलमानों का मुहम्मद अली जिन्ना से कोई रिश्ता नहीं है। राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बिहार के कटिहार से पार्टी के सांसद तारिक अनवर ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवादादता सम्मेलन में कहा कि भाजपा ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को देखते हुए जानबूझ कर एएमयू का विवाद खड़ा किया है जिससे चुनाव में लाभ मिल सके।
कर्नाटक में प्रचार के दौरान भाजपा के नेता टिपू सुल्तान से लेकर पुराना इतिहास लोगों को सुना रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी वोटों के ध्रुवीकरण के लिये भाजपा इसी तरह की बात उठायी थी।श्री अनवर ने कहा कि भारतीय मुसलमानों का जिन्ना से कोई रिश्ता नहीं है। भारतीय मुसलमान आमतौर पर जिन्ना से अपनी पहचान को जोड़कर नहीं देखते। उन्होंने कहा कि देश के मुसलमान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं मौलाना आजाद को अपना आदर्श मानते हैं जबकि जिन्ना से उनका कोई सरोकार नहीं है।
सांसद ने कहा कि जहां तक 1947 में भारत के कथित धर्म आधारित विभाजन की बात है तो यह अपनी जगह एक एतिहासिक सत्य है,लेकिन यह भी सत्य है कि देश के अधिकांश मुसलमान किसी भी हाल में बटंवारा नहीं चाहते थे। स्वतंत्रता संग्राम के नायक खान अब्दुल गफ्फार खान एवं मौलाना अबुल कलाम जैसे कई बड़ मुस्लिम नेता ऐसे थे जो मुस्लिम लीग की साम्प्रदायिकतापूर्ण राजनीति तथा उसकी अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाये जाने की नीति से सहमत नहीं थे।
श्री अनवर ने कहा कि 1857 से लेकर 1947 तक के स्वतंत्रता संग्राम तथा 1947 के बाद स्वतंत्र भारत में आज तक न सिर्फ भारतीय मुसलमानों ने बल्कि यहां रहने वाले सभी गैर हिन्दू समुदाय के लोगों ने मिलजुल कर राष्ट्र निर्माण एवं इसकी रक्षा के लिये समान रूप से कर्तव्यों का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारतीय मुसलमानों का सवाल है तो मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के पैरोकार नेताओं में थे तो वहीं देश के सबसे बड़ा इस्लामी संगठन समझे जाने वाले जमात-ए-इस्लामली ने इस धर्म आधारित बटंवारे का खुलकर विरोध किया था।
सांसद ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते भाजपा मुसलमानों को जिन्ना से जोड़कर दिखाने की कोशिश कर रही जो चिंताजनक है। इस्लाम धर्म एवं उसकी शिक्षा यही बताती है कि मुसलमान दुनिया के जिस देश में रहें उस देश के प्रति पूरी निष्ठा एवं वफादारी के साथ रहते हुए राष्ट्र भक्ति का परिचय दें। उन्होंने कहा कि भारतीय मुसलमानों द्वारा निश्चित रूप से ऐसा ही किया भी जा रहा है। भारतीय मुसलमानों में राष्ट्र भक्ति था और उन्हें राष्ट्रवादिता का प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता न पहले थी, न आज है और न आगे ही रहेगी।
श्री अनवर ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हर हाल में मिलना चाहिए और केन्द्र सरकार को इस दिशा मे तत्काल कदम उठाना होगा। केन्द्र सरकार इस संबंध में तत्काल तकनीकी अड़चनों को दूर कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बिहार और केन्द्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार है जिसमें भाजपा और जनता दल यूनाइटेड(जदयू) दोनों शामिल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसके लिये यदि प्रतिबद्ध हैं तो केन्द्र सरकार पर दवाब बनाये और राज्य को उसका हक दिलायें नहीं तो भाजपा से नाता तोड़कर राज्य के हक की लड़ाई में शामिल हो। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है बल्कि यह राज्य के विकास और इसकी प्रगति से जुड़ा हुआ है।
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