भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले एक दशक में मध्यप्रदेश का सुनियोजित विकास हुआ है। प्रदेश के विकास को और ज्यादा गति देने के लिये अगले पांच वर्षों का रोडमैप तैयार कर लिया गया है, जिसमें शहरी विकास पर 83 हजार करोड़ खर्च किये जायेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने यह बात स्टेट ऑफ द स्टेट्स कांक्लेव को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले प्रदेश में किसानों की उन्नति के बिना समृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिये खेती की लागत कम करना और उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलवाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने बताया कि सरकार की किसान युवा उद्यमी योजना में 3000 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों पर गरीबों का समान अधिकार है।
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिये देश की सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना बनाई गई है। श्रमिकों के बच्चों को पहली कक्षा से लेकर पीएचडी तक शिक्षा की फीस नहीं देनी होगी तथा उनका इलाज भी मुफ्त होगा। कान्क्लेव में शिक्षा के क्षेत्र में ग्वालियर को सर्वश्रेष्ठ जिला और प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है।
वहीं स्वास्थ्य के क्षेत्र में रायसेन को सर्वश्रेष्ठ और गुना को प्रगतिशील तथा अधोसंरचना के क्षेत्र में भोपाल को सर्वश्रेष्ठ तथा मंडला को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। इसी प्रकार जल एवं स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर को सर्वश्रेष्ठ और सतना को प्रगतिशील जिला, उद्योग के क्षेत्र में कटनी को सर्वश्रेष्ठ और शहडोल को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है।
सेवा प्रदाय के क्षेत्र में भोपाल को सर्वश्रेष्ठ और अनूपपुर को प्रगतिशील, सम्पन्नता में इंदौर को सर्वश्रेष्ठ और हरदा को प्रगतिशील एवं कानून व्यवस्था में श्योपुर को सर्वश्रेष्ठ और खंडवा को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में इंदौर को सम्पूर्ण रूप से सर्वश्रेष्ठ और रीवा को प्रगतिशील जिला घोषित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान इन जिलों के जिलाध्यक्षों को उन्होंने सम्मानित भी किया।
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