मद्रास उच्च न्यायालय ने आज एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद तमिलनाडु और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। जनहित याचिका में द्रमुक के दिवंगत प्रमुख एम करूणानिधि को राजाजी हॉल में श्रद्धांजलि के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक की न्यायिक जांच की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति एस मणिकुमार और सुब्रामणियम प्रसाद की खंड पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 सितंबर मुकर्रर की। यह याचिका वकील ए पी सूर्यप्रकाशम के जरिए दायर की गई है।
‘सोने को चिड़िया’ भारत को पिंजरे में कैद करना चाहती है भाजपा : राहुल गांधी
याचिकाकर्ता के मुताबिक, आठ अगस्त को राजाजी हॉल में करूणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए जब गांधी वहां गए तो सुरक्षा तंत्र में भ्रम की स्थिति थी। एसपीजी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की सुरक्षा में यह बड़ी चूक है। द्रमुक के दिवंगत प्रमुख का पार्थिव शरीर जनता के दर्शन के लिए वहां रखा गया था।
उन्होंने दावा किया कि गांधी वहां लगभग अकेले हो गए थे और राजाजी हॉल में भावुक लोगों की भीड़ से भरी सीढ़ियों से मुश्किल निकले थे।
याची ने कहा कि पुलिस ने उन लोगों पर लाठीचार्ज किया जो दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि देने आए थे। लाठीचार्ज में तीन लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 20 लाख-20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की।