महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीती रात दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई। औरंगाबाद के पुराने इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार को एक झगड़े ने दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प का रूप ले लिया। इस हिंसा में दो व्यक्तियों की मौत हो गई है।उपद्रवियों ने कई दुकानों में आग लगा दी, स्थिति को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस को भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा। भीड़ द्वारा किए गए पथराव में करीब 15 पुलिसकर्मियों सहित 41 अन्य लोग घायल हुए हैं, इसके अलावा तकरीबन 50 गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया है। इसके बाद सांप्रदायिक हिंसा शहर के गांधीनगर, राजाबाजार और शाहगंज इलाकों में भी फैल गयी।
पुलिस का कहना है कि अब तक यह पता नहीं चल सका है कि हिंसा किस बात को लेकर भड़की। कहा जा रहा है कि अवैध रूप से लगाई गई पानी की पाइप लाइन काटने में भेदभाव के चलते यह झगड़ा शुरू हुआ। वहीं व्यावसायिक वर्चस्व की बात भी सामने आ रही है।
इस हिंसा में दो व्यक्तियों के मरने की खबर मिल रही है। हिंसा का कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सका है। पूरी रात शहर में उपद्रवियों और पुलिस के बीच संघर्ष चलता रहा। शनिवार सुबह पुलिस ने किसी तरह हालत पर काबू पाया। संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। पुलिस दंगाइयों की पहचान करने में भी जुटी है। हिंसा पर काबू पाने के लिए औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है।
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