मुंबई : महाराष्ट्र में अब डॉक्टरों को मरीजों को विकल्प देते हुए किसी खास ब्रांड की दवा की जगह जेनेरिक दवा लिखनी होगी। जेनेरिक नुस्खे के साथ रोगी अब संबंधित दवा के किफायती विकल्पों को चुन सकते हैं। राज्य सरकार ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद नियम प्रावधान के तहत राज्य चिकित्सा परिषद के फैसले के अनुरूप डॉक्टरों को दवा के जेनेरिक नाम लिखने चाहिए जो स्पष्ट और मुख्यत: बड़े अक्षरों में लिखे हों।
बयान में कहा गया कि वे यह भी सुनिश्चित करेंगे कि दवाओं का परामर्श और इस्तेमाल तर्कसंगत हो। महाराष्ट्र चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार डा. दिलीप वांगे ने घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने कहा, यदि कोई डॉक्टर इसका उल्लंघन करते पाया जाता है तो राज्य चिकित्सा परिषद अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी। भारतीय चिकित्सा परिषद ने अप्रैल में डॉक्टरों को चेतावनी दी थी कि यदि वे जेनेरिक दवा लिखने के इसके निर्देश का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।