सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा से सभी अधिकार वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।
– वर्मा पर कैबिनेट सचिव के 24 अगस्त के नोट/पत्र में लगाये गये आरोपों के मामले में जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा दो सप्ताह के अंदर पूरी की जाएगी।
– उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के पटनायक जांच की निगरानी करेंगे।
– सीबीआई के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव, जिन्हें 23 अक्टूबर से सीबीआई निदेशक का प्रभार दिया गया है, द्वारा लिये गये सभी फैसले 12 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में दिये जाएंगे। अगली सुनवाई 12 नवंबर को ही होनी है।
– राव कोई बड़ा या नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेंगे, नियमित कामकाज देखेंगे जिससे सीबीआई का काम चलता रहे।
– राव के लिये गये फैसलों की सूची जमा करने के बाद उच्चतम न्यायालय जांच के हस्तांतरण, जांच अधिकारियों को बदलने से संबंधित उचित आदेश पारित करेगा।
– वर्मा की याचिका पर केंद्र और सीवीसी को भेजे गये नोटिस, जवाब देने को कहा गया।
– सुप्रीम कोर्ट ने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना समेत सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में एसआईटी जांच की मांग वाली एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका पर भी विचार किया।
– एनजीओ की अर्जी पर केंद्र, सीबीआई, सीवीसी, अस्थाना, वर्मा और राव को नोटिस भेजे गये।
– अस्थाना अपनी याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, बाद के लिए सूचीबद्ध होगी।