कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज पुलिस को निर्देश दिया कि वह उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जो कल राज्य में रामनवमी पर जुलूस के दौरान तलवार और अन्य हथियार लेकर चल रहे थे। उन्होंने किसी को भी नहीं बख्शने की बात कही। किसी भी राजनैतिक दल का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि वे अपना कारोबार चलाने के लिये धर्म का‘ इस्तेमाल कर रहे हैं औरउसे बेच रहे’ हैं। बनर्जी ने यहां के निकट पैलान में एक सभा में कहा, ‘‘ मैं डीजीपी को निर्देश दे रही हूं कि वे सभी पुलिस अधीक्षकों से कड़ी कार्रवाई करने और चाहे जो कोई भी हो उसे नहीं बख्शने को कहें। कानून अपना काम करेगा। मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगी।’’ उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करने में विफल रहती है तो उनके खिलाफ कदम उठाए जाएंगे। जुलूस के दौरान कल हथियार लेकर चलने वालों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ क्या हम उन्हें अपने राज्य में शासन करने देंगे। वे गुंडे हैं।’’
पुरुलिया में रामनवमी पर जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। भाजपा समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को कई स्थानों पर सरकारी प्रतिबंध की अनदेखी करते हुए सशस्त्र रैली निकाली। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष खड़गपुर में रामनवमी जुलूस में तलवार और गदा लेकर हिस्सा लेते दिखाई पड़ रहे हैं। भाजपा के कई अन्य नेताओं ने भी हथियार के साथ जुलूस में हिस्सा लिया। ममता ने कहा, ‘ ऐसा लगता है कि वे हमें धर्म सिखाने का प्रयास कर रहे हैं। लाखों लोग सदियों से हिंदू धर्म का पालन कर रहे हैं। इसने हमें सहिष्णुता का पाठ पढ़ाया है। आप इसके साथ राजनीति नहीं कर सकते। अगर आपको राजनीति करनी है तो आपको लोगों के लिये अच्छा करना चाहिये। राजनीति जनता के कल्याण के लिये है। यह लोगों की हत्या करने के लिये नहीं है– कल जो हमने देखा है वह एक राजनैतिक दल की वजह से है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वे रक्तपात के जरिये समूचा भारत जीतने का प्रयास कर रहे हैं। मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ कुछ अज्ञात लोग बाहर से यहां आए हैं– पिस्तौल और तलवार लिये ये अशांति फैलाने वाले गुंडागर्दी का सहारा ले रहे हैं।यह पश्चिम बंगाल है। यह हमारी संस्कृति नहीं है।हम दुर्गा पूजा, काली पूजा, गणपति पूजा शांतिपूर्वक मनाते हैं।हम रमजान, क्रिसमस भी मनाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भगवान राम के नाम पर सशस्त्र जुलूस की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘ भगवान राम का नाम बदनाम करके इस तरह का जुलूस निकालने और एक व्यक्ति की हत्या करने का उन्हें किसी ने भी अधिकार नहीं दिया था।’’ उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण जुलूस की इजाजत दी गई थी।
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