दिल्ली में व्यापारियों को जहां सीलिंग के सितम से निजात मिलती नहीं दिख रही है, वहीं इस पर सियासत भी जमकर हो रही है आपको बता दे कि आज दिल्ली में सीलिंग के मामले को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। ऑल पार्टी मीटिंग में भाजपा नेताओं को भी बुलाया गया था लेकिन भाजपा इसमें शामिल नहीं हुई।
बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि भाजपा तो व्यापारियों के हितों से कोई मतलब नहीं है, इसलिए वो बैठक में नहीं आए।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस ने भी माना कि सीलिंग की कार्रवाई ठीक नहीं है और इसे रोका जाना चाहिए।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के सांसद संसद से सीलिंग रुकवाने के लिए आवाज उठाएंगे और कांग्रेस सांसद भी उनका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की आड में एमसीडी मनमानी कर रही है और व्यापारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिससे भी जरूरत होगी बात करेंगे और सीलिंग रोकने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा इसमें सकारात्मत भूमिका निभा सकती थी लेकिन उसने दिखा दिया कि उसे व्यापारियों के हितों की चिंता नहीं है।
दिल्ली के कई छोटे-बड़े बाजारों में व्यापारी सीलिंग के विरोध में धरना दे रहे हैं। जिसमें सबसे बड़ा धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम आर्य समाज रोड पर होगा। सीटीआई के संयोजक बृजेश गोयल के मुताबिक, दिल्ली में सीलिंग के खिलाफ 100 से अधिक शवयात्रा निकाली जाएंगी।
आपको बता दे कि सीलिंग के विरोध में आज व्यापारी संगठनों ने जो बंद बुलाया है। उसका असर पूरी दिल्ली में दिखाई पड़ रहा है। जगह-जगह बाजार बंद, जिससे लोगों को समस्याएं हो रही हैं।
इस संबंध में रविवार को अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) ने मीटिंग बुलाई थी। जिसमें दिल्ली के 250 से ज्यादा व्यापारी संगठन शामिल हुए थे। इस बैठक में एक दिन बाजार बंद रखने का निर्णय लिया गया था। व्यापारी मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार सदन में बिल लाकर सीलिंग की कार्रवाई पर रोक लगाए।
आज के व्यापार बंद से लगभग 1800 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित होगा। जिससे सरकार को लगभग 250 करोड़ के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
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