लखनऊ : बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से मूर्तियां तोडे़ जाने की घटनाओं की निन्दा करते हुए आज मांग की है कि ऐसे कृत्य में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। मायावती ने एक बयान में कहा कि राजनैतिक, जातीय व धार्मिक द्वेष की भावना से मूर्तियां तोड़ना गलत एवं घृणित कृत्य है। यह देश के लोकतन्त्र, धर्मनिरपेक्षता व सामाजिक सद्भाव को कमजोर कर रहे हैं, जो देशहित में कतई ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ”इतना ही नहीं बल्कि अब तो उत्तर प्रदेश भी इसकी चपेट में आ गया है। मेरठ जिले में भारतीय संविधान के निर्माता, दलितों एवं अन्य कमजोर वर्गों के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा को कुछ जातिवादी व असामाजिक तत्वों ने नुकसान पहुंचाया। हमारी पार्टी इसकी कड़े शब्दों में निन्दा करती है और ऐसे तत्वों के विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकार से सख्त कानूनी कार्रवाई की भी मांग करती है।”
मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में खासकर दलितों एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में महान सन्तों, गुरुओं एवं महापुरुषों की लगी मूर्तियों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनके आदर-सम्मान में बने स्मारकों, पार्कों एवं अन्य स्थलों को सुरक्षित रखने के लिए केन्द्र के साथ-साथ राज्य सरकारें भी विशेष ध्यान दें। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि वर्तमान खराब हालात में वहाँ सुरक्षाकर्मियों को तुरन्त तैनात करें। देश में जातिवादी एवं असामाजिक तत्व ऐसा घृणित कार्य कर रहे हैं और समाज में आपसी सद्भाव व सौहार्द को बिगाड़ने में लगे है। उनके विरुद्ध अविलंब सख्त कानूनी कार्रवाई की जाये तथा ऐसे तत्वों के विरुद्ध देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हो।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें ऐसे तत्वों के विरुद्ध समय से सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं करतीं, तो जनता को स्पष्ट हो जायेगा कि यह सब देश में भाजपा और आरएसएस के षड़यन्त्र के तहत कराया जा रहा है। मायावती ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कहा कि महिला दिवस पर केन्द्र व राज्य सरकारें केवल खोखली बातें ना करें, बल्कि उनके मान-सम्मान, तरक्की व सुरक्षा का हर स्तर पर ध्यान रखें। उन्होंने मांग की कि महिलाओं के हित में बनाई गई योजनाओं को सरकारें जमीनी स्तर पर अमली जामा पहनायें।
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