लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती पर एकबार फिर से CBI शिकंजा कस सकती है। उनके शासनकाल के दौरान 21 चीनी मिलों की बिक्री का मामला योगी सरकार में फिर से उछला है। इस पूरे मामले को CBI ने टेकओवर कर लिया है। जांच की आग मायावती तक पहुंच सकती है। फिलहाल सीबीआई की टीम बिक्री से जुड़े सभी दस्तावेजों को खंगाल रही है।
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में मायावती के खिलाफ भी FIR दर्ज की जा सकती है। मायावती के करीबी रहे मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दिकी के अलावा कई अधिकारी और अन्य नेता भी जांच में फंस सकते हैं। अंदरखाने से मिली जानकारी के मुताबिक नसीमुद्दीन सिद्धिकी ने मायावती और उनके सहयोगी सतीश चंद्र मिश्रा का नाम लिया था।सीएम योगी चीनी मिल बेचे जाने को लगातार बड़ा घोटाला बता रहे हैं। फिलहाल, CBI की जांच के दायरे में देवरिया, बरेली, लक्ष्मीगंज, हरदोई, रामकोला, चित्तौनी और बाराबंकी की चीनी मिलें चांज के दायरे में हैं।
2010-2011 में उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार की थी। उस समय में 21 चीनी मिलों को करीब 1100 करोड़ रुपए में बेचा गया था। सत्ता में आते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मैं इस मामले की जांच करवाऊंगा।
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