मेरठ एनकाउंटर में दो खतरनाक अपराधी ढेर, संख्या अब तक 56 पहुंची - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

मेरठ एनकाउंटर में दो खतरनाक अपराधी ढेर, संख्या अब तक 56 पहुंची

NULL

मेरठ  :  उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मेरठ के कंकड़खेडा क्षेत्र में आज सुबह दो दुर्दांत अपराधियों को एक संक्षिप्त मुठभेड के बाद मार गिराया। यूपी पुलिस ने अब तक 56 अपराधियों को मार गिराया है। ताजा एनकाउंटर मेरठ में हुआ है।  पुलिस ने बताया कि मुठभेड में मारे गये 25 हजार के इनामी हिमांशु उर्फ नरसी और धीरज कई मामलों में वांछित थे। गोलियां लगने से घायल बदमाशों की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मृत्यु हो गयी। मेरठ हाइवे में 27 अप्रैल को लूट और हत्या की वारदात में पुलिस को इनकी तलाश थी। उन्होने बताया कि मारे गये बदमाश योगेश भदौरा गैंग के शूटर थे।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार की आधी रात यूपी एसटीएफ ने 25-25 हजार के दो इनामी बदमाशों को मार मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों के खिलाफ दर्जनों केस चल रहे थे। इनकी पहचान हिमांशु उर्फ टाइगर और धीरज के रूप में हुई है। इन पर मेरठ-गाजियाबाद हाइवे पर एक दुल्हन के साथ लूटपाट और हत्या का आरोप भी था।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 11 महीने में करीब 1350 एनकाउंटर किए हैं। यानी हर महीने सौ से भी ज़्यादा एनकाउंटर। इस दौरान 3091 वॉन्टेड अपराधी गिरफ्तार किए गए। जबकि 43 अपराधियों को मार गिराया गया। यूपी पुलिस का दावा है कि मरने वालों बदमाशों में 50 फीसदी इनामी अपराधी थे। जिन्हें पुलिस शिद्दत से तलाश रही थी।

यूपी पुलिस के इन आंकड़ों ने अपराधियों में इस कदर खौफ भर दिया कि पुलिस एक्शन के डर से पिछले 10 महीने में 5409 अपराधियों ने बाकायदा अदालत से अपनी ज़मानत ही रद्द कराई है। ताकि ना वो बाहर आएं और ना गोली खाएं. है ना कमाल? एक तरफ़ यूपी की सरकारी बंदूकें चलती ही नहीं थी, और अब अचानक वही बंदूकें दनादन गोलियां उगल रही हैं।

यूपी पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे एनकाउंटर सवालों के घेरे में भी आ गए हैं। पिछले दिनों मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने दावा किया था कि हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश में न्यायेतर हत्याएं हुई हैं। इनमें मरने वालों में ज्यादातर दलित और मुसलमान थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की स्वतंत्र टीमों द्वारा जांच की मांग की गई है।

‘सिटीजन एगेंस्ट हेट’ ग्रुप की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश की मुठभेड़ों की 16 घटनाओं और मेवात क्षेत्र के 12 मामलों का ब्योरा है। ये मुठभेड़ 2017-18 में हुई थीं। उच्चतम न्यायालय के वकील प्रशांत भूषण ने उत्तर प्रदेश में पुलिस मुठभेड़ों को मर्डर करार दिया है। उन्होंने कहा कि एनएचआरसी को अपनी स्वतंत्र टीमें भेजकर इस मामले की जांच करानी चाहिए।

पुलिस द्वारा की गई ऐसी हत्याओं की विभाग के कनिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच की जाती है। उसे स्वतंत्र नहीं कहा जा सकता। एनएचआरसी को अपनी स्वतंत्र टीमों के मार्फत सभी ऐसे मामलों की जांच करानी चाहिए. इसके लिए ‘सिटीजन एगेंस्ट हेट’ ग्रुप एनएचआरसी के अध्यक्ष एचएल दत्तू से मिला। योगी सरकार के एक साल से अधिक पूरे हो चुके हैं। बीते 12 महीनों में 1200 से अधिक एनकाउंटर हुए हैं। इनमें 56 बदमाशों को मार गिराया गया है। हालांकि ऐसा भी नहीं है कि एनकाउंटर की झड़ी लगने से यूपी के क्राइम ग्राफ में कोई बहुत भारी कमी आ गई हो। एनकाउंटर राज में आम जनता की तो छोड़िए, सत्ताधारी दल बीजेपी के विधायक भी डरे हुए हैं।

 

हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × five =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।