नई दिल्ली : पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पत्नी अौर बेटे को राज्य सरकार द्वारा पद देेने के मामले में विपक्ष को मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू के बेटे करण ने भी हाईकोर्ट में एडिशनल एडवोकेट जनरल का पद ठुकरा दिया है। दरअसल पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर परिवारवाद के आरोप लगे थे और उन पर पंजाब सरकार में अहम पद लेने के आरोपों के बाद उनके परिवार ने ये फैसला किया है।
नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर कैप्टन सरकार का चेयरपर्सन का ओहदा नहीं लेगी और बेटे करण ने भी हाईकोर्ट में एएजी का पद न लेने का फैसला लिया है। सिद्धू ने कहा उनका परिवार दोनो पद छोड़ता है। कल सिद्धू के बेटे को एएजी नियुक्त करने पर सियासी विवाद हुआ था। सिद्धू ने इसका ख़ुद एलान किया है कि दोनों ने अपनी मर्ज़ी से पद छोड़े हैं। इस पर सिद्धू ने कहा कि हम शुक्रगुज़ार हैं कि कैप्टन साहिब ने हमें इस लायक समझा पर मेरा परिवार कहता है कि इन पदों पर जॉइन करके हमें संतुष्टि नहीं मिलेगी।
सिद्धू ने कहा सियासत में साख मायने रखती है मेरे लिए मेरी साख ज़रूरी है। हाल ही में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। 1988 में हुई मारपीट के एक मामले में कोर्ट ने उन पर सिर्फ 1 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया।
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