भारत ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध का आहवान करते हुए कहा कि कट्टरपंथ से मैदानी जंग के साथ ही मानसिक स्तर पर भी मुकाबला करने की जरूरत है भारत..आसियान कनेक्टिविटी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि भारत इस बात को समझता है
कि ऐसी विचारधारा अस्तित्व के समक्ष खतरा पैदा कर रही है जो बुराई, बर्बर आतंकी मिलिशिया के आधार पर दबदबा कायम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कट्टरपंथ से मैदानी जंग के साथ ही मानसिक स्तर पर भी मुकाबला करने की जरूरत है।
हम जानते हैं कि इसके लिये हमारे मूल्यों के प्रति आस्था और हमारे उद्देश्यों के प्रति सतत रहना जरूरी है। अकबर ने कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवाद नहीं होता है, यह पूरी तरह से बुराई ही हैं।
कनेक्टिविटी की चर्चा करते हुए विदेश राज्य मंत्री ने जोर दिया कि सभी सागर में नौवहन स्वतंत्रता सुनिश्चित किये जाने की जरूरत है। अकबर की इस टिप्पणी को दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी रूख के संदर्भ में देखा जा रहा है।
अकबर ने कहा, हम बहुलतावाद और संस्कृति एवं आस्था में समानता में विश्वास करते हैं। हम मानवतावादी दर्शन में विश्वास करते हैं जो शांति औ साझे टिकारू विकास एवं समृद्धि के लिये सर्वोपरि है और इसलिये हमारा गठजोड़ महत्वपूर्ण है।
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