केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने बुधवार को देश में कुपोषण की चुनौतियों के समाधान में स्थानीय नेताओं को शामिल करने और इस सिलसिले में सरकार के विभिन्न पहलुओं के बारे में संवेदनशील बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की देश में बड़े पैमाने पर कुपोषण से निपटना पहली प्राथमिकता है और इसके लिए विभाग ने अन्य मंत्रालय के साथ मिल कर अभिसारित प्रणाली में चुनौतियों के समाधान के लिए इससे संबंधित कई पहल और लक्षित योजनाएं शुरू की है।
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‘भारत की पोषण संबंधी चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिषद’ की तीसरी बैठक में नड्डा ने कहा, ‘‘सरकार के पोषण संबंधी पहलुओं में स्थानीय नेताओं को शामिल करने और संवेदनशील बनाने की जरूरत है ताकि वे लोगों के बीच जागरूकता पैदा कर सकें।’’
इस बैठक में केन्द्रीय बाल एवं विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री मेनका गांधी भी मौजूद थीं। कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा, ‘‘हम टीकाकरण, पहचान और पूरकता पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।’’
बैठक में मौजूद रहने वाले अन्य लोगों में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, नीति आयोग में स्वास्थ्य एवं पोषण के सदस्य डॉ. विनोद कुमार पॉल, डब्ल्सूसीडी सचिव राकेश श्रीवास्तव, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान और आयुष सचिव राजेश कोटेच शामिल थे।