लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

नेहरू खुद पहली बार अनुकंपा से प्रधानमंत्री बने : भाजपा 

जयपुर : नेहरू की वजह से एक चायवाले के देश का प्रधानमंत्री बनने संबंधी शशि थरूर के कथित बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को

जयपुर : नेहरू की वजह से एक चायवाले के देश का प्रधानमंत्री बनने संबंधी शशि थरूर के कथित बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कहा कि नेहरू खुद पहली बार अनुकंपा से प्रधानमंत्री बने थे जबकि मोदी जनसमर्थन से स्पष्ट बहुमत पाने वाले प्रधानमंत्री हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं से कहा,’जब नेहरू जी पहली बार प्रधानमंत्री बने तो अनुकंपा से बने थे।’ कांग्रेस नेता थरूर ने कल एक कार्यक्रम में कहा था,’ हमारे यहां एक चायवाला प्रधानमंत्री है तो यह इसलिए संभव है क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरूजी ने ऐसा संस्थागत ढांचा खड़ा किया कि कोई भी भारतीय इस उच्चतम पद की आकांक्षा रख सके और यहां तक पहुंच सके।’

इसका जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा,’ भारत के राजनीतिक इतिहास में केवल दो प्रधानमंत्री ऐसे हुए जो प्रधानमंत्री बनने से भी बरसों पहले जन जन की आकांक्षा के केंद्र बने और जनता ने कहा कि इन्हें प्रधानमंत्री होना चाहिए। इनमें से एक अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे नरेंद्र मोदी हैं। बाकी सब प्रधानमंत्री कुर्सी पर आकर नेता बने। प्रधानमंत्री बनने से पहले देश तो छोड़िए उनको अपनी पार्टी में कोई नेता नहीं मानता था … विनम्रता के साथ जवाहर लाल नेहरू भी इसमें शामिल हैं।’ उन्होंने कहा,’ मोदी देश के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने जनसमर्थन से स्पष्ट बहुमत पहली बार में प्राप्त किया है। जब नेहरू जी पहली बार प्रधानमंत्री बने तो अनुकंपा से बने थे। कांग्रेस का जनसमर्थन पटेल के पक्ष में था। इंदिरा गांधी जब (प्रधानमंत्री) बनी तो सिंडिकेट से बनीं, जनसमर्थन से नहीं।’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता थरूर को अपने मैकाले की मानसिकता तथा मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी मार्क्सिस्ट मानसिकता से बाहर आकर ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए कि भारत का लोकतंत्र और किसी भी व्यक्ति का प्रधानमंत्री बनना भारत की हजारों साल पुरानी सामाजिक व खुली मानसिकता है। ग्रेस द्वारा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाने पर भी त्रिवेदी ने चुटकी ली। उन्होंने कहा,’कांग्रेस में टिकटों का मामला दावेदारी में या दावेदारी की हिस्सेदारी में उलझा है शायद यह आने वाले समय में ज्यादा बेहतर स्पष्ट हो पाएगा।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × two =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।