नॉर्थ ईस्ट में बीजेपी की सफलता का सबसे पहला असर उत्तर प्रदेश में पड़ता दिख रहा है। अब तक एक दूसरे को राजनीतिक मात देने का कोई मौका ना चूकने वाली समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में साथ आती दिख रही है।
गोरखपुर में हुई बीएसपी की बैठक में इन दोनों सीटों पर एसपी को समर्थन देने का फैसला लिया गया है। हालांकि बसपा सुप्रीमो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके चुनावी गठबंधन की खबरों को पूरी तरह से आधारहीन बताया। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोकसभा उप-चुनाव में समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ कोई भी गठबंधन नहीं हुआ है।
प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘गठबंधन को लेकर इस तरह की जो भी बातें की जा रही है वह सिर्फ अफवाह है।’ इससे पहले खबर आई थी कि राज्य में दो लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीएसपी एसपी को समर्थन करेगी।
मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि यूपी में हाल ही में राज्य सभा और विधान परिषद में होने वाले चुनव में बीजेपी को हराने के लिए एसपी और बीएसपी के द्वारा एक दूसरे को वोट ट्रांसफर कर दिया जाता है तो ये कोई चुनावी गठबंधन नहीं है।
इस बात की जानकारी सामने आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर चुटकी ली थी। उन्होंने रहीम के एक दोहे का उदाहरण देते हुए कहा था, ‘कह रहीम कैसे निभे, केर-बेर को संग।’
बीएसपी सुप्रीम ने कहा कि हमारी पार्टी के तरफ से राज्य में होने वाले लोकसभा उपचुनाव को लेकर कोई भी उम्मीदवार खड़ा नहीं किया गया है। हमारे कार्यकर्ता बीजेपी को हराने के लिए वोट देंगे।
बसपा सुप्रीमों ने कहा सपा के साथ यह गठबंधन केवल इन चुनावों में भाजपा को हराने के लिये किया गया है। 2019 में होने वाले चुनावों के लिये यह गठबंधन नहीं है, इसलिये इन अपवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि 2019 में होने वाले चुनावों के लिये यदि कोई गठबंधन होता है तो इसकी बाद में अलग से घोषणा की जायेगी।
मायावती ने यह भी साफ किया कि इस गठबंधन के ऐवज में वह मार्च में होने वाले राज्यसभा के चुनाव में सपा से समर्थन लेगी ताकि बसपा केा उम्मीदवार राज्य सभा पहुंच सके।
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