चारा घोटाले में दोषी पाए गए राजद प्रमुख तथा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा का ऐलान सीबीआई की विशेष अदालत अब गुरुवार को करेगी। दरअसल, अदालत लालू की सजा आज ही सुनाने वाली थी लेकिन वकील बिंदेश्वरी प्रसाद के निधन के कारण सजा पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए टाल दी गई है।
Lalu Prasad Yadav and others reach Special CBI Court in Ranchi for quantum of sentence in a fodder scam case pic.twitter.com/55P6Rix0qc
— ANI (@ANI) January 3, 2018
रघुवंश प्रसाद सिंह ,मनोज झा और तेजस्वी यादव सहित आरजेडी के 3 नेताओं के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि इन लोगों ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ बोला था। कोर्ट ने पूछा है कि क्यों ने आप लोगों पर कार्रवाई की जाए।
वही , आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद ने कोर्ट की अवमानना करने के मामले में माफी मांगने से इनकार कर दिया है। रघुवंश प्रसाद की तरफ से लालू को दोषी करार दिए जाने के बाद जातीय टिप्पणी की गई थी।
इससे पहले , लालू प्रसाद यादव कोर्ट पहुंचे। जेल के बाहर उनके समर्थकों की भीड़ है। वहीं बिहार में पटना में लालू के घर के बाहर सन्नाटा छाया है। लालू के साथ उनके परिवार को कोई भी सदस्य नहीं आया है।
बता दे कि लालू यादव सुबह दस बजकर पंद्रह मिनट पर होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से रांची की सीबीआइ की विशेष अदालत में पहुंचे। लालू यादव के साथ राजद के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह भी मौजूद हैं।
वही, लालू प्रसाद यादव के कोर्ट पहुंचने के बाद दो वकीलों की मौत पर श्रद्धांजलि सभा की मांग उठी। इसे लेकर वकीलों के धड़ों में बहस भी हो गई है। वकीलों का एक गुट मांग कर रहा है कि आज की सजा का ऐलान किया जाए। जबकि कुछ वकील लंच के बाद दूसरे हाफ में श्रद्धांजलि सभा की मांग कर रहे हैं। अब ये कहा जा रहा है कि दोपहर 2 बजे के बाद लालू की सजा पर फैसला आ सकता है।
आपको बता दे कि लालू प्रसाद यादव को सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिया था। लालू को धारा 420, 120 बी और पीसी एक्ट की धारा 13( 2) के तहत दोषी करार दिया था। आज देखने होगा कि लालू प्रसाद को कितनी सजा सुनाई जा सकती है।
वही , पार्टी के नेता और कार्यकर्ता कोर्ट के बाहर और होटवार जेल के बाहर पहुंच गए हैं। नेताओं ने कहा कि लालू यादव का पूरा परिवार रांची में है। हम सब एक परिवार हैं और आज लालू जी को बेल मिलने के बाद उन्हें लेकर पटना जाएंगे।
जानिए क्या है मामला !
ये मामला साल 1990 से 1994 के बीच का है जब देवघर कोषागार से पशु चारे के नाम पर अवैध ढंग से 89 लाख, 27 हजार रुपये निकाले गए थे। हालांकि, ये पूरा चारा घोटाला 950 करोड़ रुपये का है। जिनमें से एक देवघर कोषागार से जुड़ा केस है। इस समय पर लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे। इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्टूबर, 1997 को मुकदमा दर्ज किया था।
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