दिल्ली विधानसभा से पारित न्यूनतम वेतन संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब उन कारोबारियों की खैर नहीं जो सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान अपने कर्मचारियों को नहीं देते हैं। तय न्यूनतम मजदूरी नहीं देने वालों पर कानून का शिकंजा कसेगा। नियोक्ता के लिए 20 हजार रुपये जुर्माने के साथ तीन साल तक की सजा का भी प्रावधान है। राजधानी में न्यूनतम वेतन 13,896 रुपये है।
आम आदमी पार्टी ने अपने ट्विटर हैंडर से इस आशय की जानकारी लोगों को दी है। इसी के साथ पार्टी ने गजेट का पेपर भी जारी किया है। अब नए कानून के लागू होने के साथ ही दिल्ली में न्यूनतम वेतन 13,896 रुपये है। राजधानी में अकुशल मजदूरों के लिए 13,896, अर्ध कुशल के लिए 15,296, कुशल के लिए 16,858 रुपये मासिक वेतन निर्धारित किया गया है।
BREAKING NEWS ??
Delhi Govt’s Amendment to Minimum Wages Act, with provision of imprisonment and a fine of Rs.20,000 on employers for not paying minimum wages gets the President’s assent. pic.twitter.com/ad7khcKdQo— AAP (@AamAadmiParty) May 8, 2018
इसके अलावा दसवीं फेल के लिए 15,296, दसवीं पास के लिए 16,858 और ग्रेजुएट एवं ज्यादा शिक्षित के लिए 18,332 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन है। दिल्ली कैबिनेट ने 25 फरवरी 2017 को यह दरें लागू की थीं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई महीनों बाद विधेयक को मंजूरी मिली और यह कानून बना है। केजरीवाल ने उम्मीद जताई है कि अब ऐसे नियोक्ताओं पर सख्त कार्रवाई संभव होगी, जो न्यूनतम वेतन नहीं देते हैं।
उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार ऐसे लोगों पर कानूनन सख्त कार्रवाई करेगी। याद दिला दें कि बीते साल अगस्त में दिल्ली विधानसभा ने न्यूनतम वेतन का विधेयक पास किया था। उस वक्त सरकार का कहना था कि अभी दिल्ली में न्यूनतम वेतन न देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के प्रावधान नहीं है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विधेयक लाना पड़ा है। इससे पहले केवल 500 रुपये जुर्माने और छह महीने तक की सजा का ही प्रावधान था।
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