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सभी केसों में क्लिन चिट मिलने के बाद ही आऊंगा सक्रिय राजनीति में – डी जी वंजारा

डी जी वंजारा ने यह भी कहा कि जनता की अपेक्षा है कि वह राजनीति में आयें पर ऐसी छलांग लगाने से पहले वह आपराधिक मामलो से पूरी तरह बरी हो जाना चाहते हैं।

गुजरात में इशरत जहां मुठभेड़ प्रकरण समेत कुछ अन्य मामलों में आरोपी रहे पूर्व डीआईजी डी जी वंजारा, जिन्होंने राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले सक्रिय राजनीति में प्रवेश की इच्छा व्यक्त की थी, ने कहा है कि अब उनकी प्राथमिकता सभी आपराधिक मामलों में क्लिन चिट हासिल करना है और इसके बाद ही वह सक्रिय राजनीति में आने के बारे में सोचेंगे। आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर जारी अटकलों के बीच डी जी वंजारा ने कहा कि अब उनकी पहली प्राथमिकता बाकी सभी मुकदमों में बरी होना है।

राजनीति में प्रवेश अब उनके लिए सेकंडरी अथवा गौण मुद्दा बन गया है। उन्होंने यूएनआई से कहा कि वह सार्वजनिक जीवन (पब्लिक लाइफ) में पहले से ही हैं और कई तरह की सामाजिक और गैर राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं। पर जहां तक सक्रिय राजनीति में प्रवेश की बात है तो इससे पहले उन्हें कई अन्य पहलुओं पर विचार करना होगा। उनकी पहली प्राथमिकता सभी केसों में बरी होने की है। इसके बाद वह अपनी मनमर्जी का काम कर सकते हैं।

डी जी वंजारा ने यह भी कहा कि जनता की अपेक्षा है कि वह राजनीति में आयें पर ऐसी छलांग लगाने से पहले वह आपराधिक मामलो से पूरी तरह बरी हो जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में तो वह पहले ही बरी हो चुके हैं और हाल में मुंबई की सीबीआई कोर्ट की ओर से इसके 22 अन्य आरोपियों को भी छोड़ जाने से उनकी यह बात सही साबित हुई है कि सारे मुठभेड़ सही थे। इन्हें राजनीतिक खींचतान में फर्जी साबित किया गया था जिससे मुस्तैदी से अपना कर्तव्य निभाने वाले पुलिसकर्मियों को कष्ट झेलना पड़ा।

डीजी वंजारा का दावा- इशरत जहां मामले में मोदी से की गई थी पूछताछ

उन्होंने कहा कि अब उन्हे पूरी तरह से क्लिन चिट हासिल करने के लिए केवल इशरत जहां मुठभेड़ मामले में ही आरोपमुक्ति की जरूरत है। सादिक जमाल मुठभेड़ मामले से उनका सीधा सरोकार नहीं है पर वह यह भी चाहेंगे कि इसके भी सारे आरोपी आरोपमुक्त हों क्योंकि यह सारे मुठभेड़ एक ही कड़ में और एक ही पृष्ठभूमि में थे। अगर इन्हें नहीं किया जाता तो पाकिस्तान समर्थित आतंकी तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या कर डालते।

ज्ञातव्य है कि जून 2004 में यहां मारी गयी इशरत जहां और उसके तीन साथियों से संबंधित मामले में सीबीआई की कोर्ट ने यहां गत अगस्त में डी जी वंजारा की आरोपमुक्ति अर्जी खारिज कर दी थी। बचाव पक्ष का कहना था कि इशरत और अन्य तीन आतंकी थे जो पीएम मोदी की हत्या की नीयत से आये थे। दूसरी ओर सीबीआई इसे फर्जी मुठभेड़ मानती है।

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