पटना : जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने मंगलवार को बिहार के विशेष राज्य के मुद्दे पर विपक्ष से सकारात्मक राजनीति करने की सलाह देते हुए कहा कि यह कोई दलीय प्रस्ताव नहीं है यह बिहार विधानमंडल से सर्वदलीय प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव तब पास हुआ था, जब लालू प्रसाद के परिवार का कोई सदस्य विधानमंडल में नहीं था। जद (यू) यह मामला 2005 से उठाता रहा है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जे की मांग को बिहार के लोगों ने आत्मसात किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने भी विपक्ष से सकारात्मक सहयोग का अनुरोध किया है। 15 वें वित्त आयोग की जो अनुशंसाएं आ रही है, जिसमें पिछड़े राज्यों के विकास की अवधारणा को बल मिल रहा है, उसमें विपक्ष को सहयोग करना चाहिए। विपक्ष को अगर खुद के विकास को छोड़कर, बिहार के विकास की चिंता हो तो उन्हें राज्य हित में दलीय प्रबिद्धता से उपर उठकर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से हाथ मिलाना चाहिए। तेजस्वी जी, आप एक पारिवारिक पार्टी चलाते हैं।
आपका राजनीति में जन्म ही ’सोने का चम्मच’ लेकर हुआ हैं। आपको विशेष राज्य की चिंता तब हुई जब आपके पिता लालू प्रसाद को जेल में’स्पेशल स्टेटस’ की चिंता होने लगी। 2005 में जब इसे लेकर प्रस्ताव पास हुआ था, आप क्या आपके परिवार का कोई सदस्य विधानमंडल का सदस्य नहीं था। आज जो विपक्ष विशेष राज्य के दर्जा की बात कर रहा है, उस समय जब वे केंद्र में ’किंगमेकर’ बने थे, तब उन्हें बिहार के विशेष राज्य के दर्जा की चिंता नहीं थी।
सरकार भागलपुर में सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच हो रही है। आज बिहार ही एक ऐसा राज्य है, जहां केंद्रीय मंत्री जैसे रसूख रखने वाले के पुत्र पर भी सांप्रदायिक सदभाव बिगाड़ने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज हुई है। जिनके घर खुद के शीशे के होते हैं, उन्हें दुसरे के घरों में पत्थर नहीं चलाना चाहिए।
विपक्ष आज भी दुष्कर्मी विधायक को अपने दल में रखकर महिमामंडित कर रहा है और उल्टे सरकार पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडने वालों को बचाव करने की बात कर रही है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी जी को बताना चाहिए कि आपके 15 वर्षो के शासनकाल में भागलपुर दंगाइयों को किसने संरक्षक दिया था? जद (यू) का ट्रैक रिकॉर्ड है, कि दंगाइयों को जेल भी भेजा गया और जो दंगों से प्रभावित हुए उन्हें पुनर्वास भी कराया गया है।
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