रायपुर : केसके पॉवर प्लांट को दी गई रियायत का मामला सदन में उठाया गया।विधायक मोहन मरकाम ने पूछा कि प्लांट को पानी की आपूर्ति कहां से की जा रही है।गरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि अनुबंध के तहत पानी के उठाव के आधार पर राशि ली जाती है, जितने पानी का उठाव किया जाता है, प्रक्रिया के मुताबिक राशि ली जाती है। उन्होंने कहा कि अनुबंध से ज्यादा पानी उठाने के मामलों पर डेढ़ गुना ज्यादा राशि ली जाती है।
इधर मोहन मरकाम ने कहा कि 2,788 घनमीटर पानी का दोहन कर रही है. सेंट्रल वॉटर बोर्ड से क्या अनुमति ली गई है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की ओर से शिकायत आ रही है कि बोर से पानी का दोहन किया जा रहा है। शिकायत पर हुई जांच के पहले बोर को पाट दिया गया। ईधर विधायक कवासी लखमा ने कहा कि क्या इस विषय पर कोई जांच की जाएगी।
जिस पर मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि हमारे पास कोई शिकायत नहीं है, किस आधार पर जांच कराएंगे। विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि किसानों के लिए पानी नहीं है और उद्योगपति पानी का दोहन कर रहे हैं। इस पर मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि मैं जांजगीर-चांपा का प्रभारी रह चुका हूं, मुझे आज तक कोई शिकायत नहीं मिली है। विपक्ष ने जांच की मांग को लेकर सदन में हंगामा किया।कांग्रेस ने कहा कि किसानों को पानी नहीं मिल रहा है।
किसानों के हिस्से का पानी उद्योगपति हड़प रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिकायत हम सवालों के जरिए कर रहे हैं। शिकायत करने कोई पाकिस्तान से नहीं आएगा। छत्तीसगढ़ के लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल रहा। इस मामले की जांच कराई जाए या फिर उद्योग को पानी देना बंद कर दिया जाए।
वहीं भूपेश बघेल ने कहा कि चिंता इस बात की है कि पूरे प्रदेश में धान की फसल लगाने पर रोक लगाया जा रहा है, लेकिन उद्योगपति भू जल का दोहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये शिकायत सिर्फ जांजगीर चाम्पा जिले को लेकर नहीं है, बल्कि ऐसी शिकायत प्रदेशभर से आ रही है। अमर अग्रवाल ने कहा कि केएसके पावर प्लांट को केंद्रीय भू जल से अनुमति मिली है। मंत्री द्वारा जांच से इंकार करने पर विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।