गांव , डिजिटल भुगतान,बढ़ावा,कलेक्टर ,श्रीमती भावना वालिम्बे,अध्यक्षता , एनआरएलएम के लिए प्रेरित करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने कहा कि गांव को कैशलेस बनाने के लिए सबसे पहले सभी व्यक्तियों के बैंक में खाता खुलवाना सुनिश्चित करने के साथ ही उन्हें रूपे कार्ड या डेबिट कार्ड उपलब्ध कराना होगा।
उन्होंने कहा कि अधिक आबादी वाले गांवों में बैंकों के कैम्प आयोजित कर खाते खुलवाए जाएं। इसके साथ ही व्यापारियों को डिजिटल भुगतान के लिए पीओएस मशीन का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने कहा कि गांव में बीसी की व्यवस्था करनी होगी ताकि लेन-देन को कैशलेस बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक के अधिकारियों से चर्चा कर यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बीसी के रूप में संबंधित गांव के व्यक्ति की ही नियुक्ति करें ताकि बीसी हमेशा गांव में उपलब्ध रह सके।
कार्यशाला में आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम, कार्डस्, पीओएस, नेट बैंकिंग, ई-रिटेल, यूपीआई, भीम एप् तथा ई-वॉलेट के माध्यम से डिजिटल भुगतान की कार्यप्रणाली तथा इनके संचालन के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यशाला में एनआरएलएम के जिला परियोजना प्रबंधक श्री एसडी खरे, एनआईसी के जिला सूचना अधिकारीएके भटनागर, जिला लोक सेवा प्रबंधक श्री रवि चंदेल तथा ई-गवर्नेस के श्री धमेन्द्र नायक द्वारा पीपीटी के माध्यम से डिजिटल भुगतान के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।