नयी दिल्ली : जवाहरलाल यूनिवर्सिटी छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने आज कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए लोगों से जुड़ने और संवाद के जरिए उन्हें एकजुट करने की जरूरत है। ‘ लोकतंत्र एवं असहमति ’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में कन्हैया ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा , ‘‘ हमें लोगों से जुड़ना होगा और उन्हें एकजुट करना होगा। संवाद का पहला जरिया भाषा बनेगी। लोगों में बहुत अनभिज्ञता है , क्योंकि उन्हें लगता है कि वो अगर अनभिज्ञ हैं , फिर भी वह कुछ बड़ा कर सकते हैं। यदि वे ‘ भक्त ’ भी हैं तो हमें उनकी अनदेखी करने की बजाय उनसे संवाद करना चाहिए ताकि लोकतंत्र को बचाया जा सके। ’’
स्वतंत्र शोधकर्ता ऊषा रामनाथन ने कहा , ‘‘ भारत जैसे लोकतंत्र में यूआईडीएआई परियोजना लोगों को उनके अधिकारों से सिर्फ इसलिए वंचित कर रही है , क्योंकि वे बायोमेट्रिक जांच में सफल नहीं हो पाते। यह हमें कोई पहचान नहीं देता , बल्कि यह हमें एक फर्जी प्रोफाइल के तौर पर पेश कर देता है। यदि बायोमेट्रिक प्रणाली काम नहीं कर रही हो तो आपकी कोई पहचान नहीं है। ’’ वामपंथी कार्यकर्ता जगमती सांगवान , डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार सबा दीवान , सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी मीरन चड्ढा बोरवनकर , पत्रकार राजदीप सरदेसाई और सिद्धार्थ वरदराजन जैसे अन्य वक्ताओं ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
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