दावणगेरे( कर्नाटक) : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सरकार पर आरोप लगाया कि वह विभिन्न संस्थाओं में आरएसएस के लोगों को बिठा कर और उनसे आदेश दिला कर इन संस्थाओं का निरादर कर रही है तथा उन्हें ध्वस्त कर रही है। राहुल ने यहां शहर के व्यापारियों से बात करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह इन संस्थाओं को आरएसएस के नियंत्रण से मुक्त कराएगी। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं नहीं जानता कि क्या आप सबों को यह पता है कि प्रत्येक मंत्री के कार्यालय में आरएसएस का एक आदमी बैठा हुआ है और आदेश दे रहा है। इसलिए आप क्या उम्मीद कर सकते हैं… संस्थाओं के निरादर के सिवा । इस ढांचे के चलते देश की बैंकिंग प्रणाली ध्वस्त हो गई है।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ नीरव मोदी और मेहुल चोकसी कौन हैं?’’ उन्होंने कहा कि जब आपने भारतीय रिजर्व बैंक( आरबीआई) जैसी संस्थाओं का सम्मान नहीं किया, तब इन लोगों का उदय हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘ हम पीयूष गोयल( घोटाला में नाम आने) को भी देख रहे हैं।’’ राहुल ने कहा कि भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके करीबी रिश्तेदार चोकसी पंजाब नेशनल बैंक( पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के केंद्र में है।
गौरतलब है कि राहुल ने एक कंपनी की650 करोड़ रूपये की रिण अदायगी उसके प्रमोटर द्वारा नहीं करने से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के कथित संबंधों को लेकर कल उन्हें निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी के खिलाफ सलाह दी थी। राहुल ने दावा किया कि मुख्य आर्थिक सलाहकार, केंद्रीय वित्त मंत्री और समूचा कैबिनेट प्रधानमंत्री की नोटबंदी की योजना से अनजान था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ नोटबंदी से पहले समूचे कैबिनेट को कमरे में बंद कर दिया गया। उन लोगों( कैबिनेट मंत्रियों) को कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया गया।’’ यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस बेरोजगारी की समस्या का कैसे हल करेगी, राहुल ने कहा कि यह निर्माण कार्य, कृषि और अन्य क्षेत्रों में छोटे और मझोले स्तर के कारोबारों को प्रोत्साहन देकर इसका समाधान करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि चीन रोजगार सृजन करने में सफल है क्योंकि उसकी सरकार अपने कार्यबल को कौशल प्रशिक्षण देती है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में कौशल प्रशिक्षण देने पर बात नहीं हो रही है। राहुल ने कहा कि बैंकों को छोटे और मंझोले स्तर के उद्यमियों को भी रिण देना चाहिए, लेकिन यह फायदा भारतीय कारोबार जगत के15 बड़े कारोबारियों को मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अनिल अंबानी का45,000 करोड़ रूपये का रिण है और उनकी मदद के लिए राफेल( लड़ाकू विमान) का अनुबंध उन्हें दिया गया।’’ हालांकि, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को लिखे एक पत्र में अंबानी ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि रिलायंस संयुक्त उद्यम को अपने साझेदार के तौर पर चुनने का डसाल्ट का फैसला दोनों निजी कंपनियों के बीच एक स्वतंत्र समझौता था। साथ ही, दोनों सरकारों का इससे कोई लेना देना नहीं है।
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