नई दिल्ली के आसपास के क्षेत्र में धुंध की बात की जाए तो यहां रहने वाले लोगों की हालत खराब है। धुंध के कारण लोगों की आंखों में जलन हो रही है और सभी जहरीली हवा ले रहे हैं। जिसको लेकर दिल्ली सरकार ने भी 5वीं क्लास तक के बच्चों के स्कूल बंद कर दिए हैं।
वही , दिल्ली की हवा में घुले प्रदूषक तत्वों की परत से बनी धुंध के अगले तीन दिनों तक और अधिक गहराने की आशंका है। इसके कारण मौसम विभाग ने आज पूर्वानुमान के आधार पर तीन दिन तक धुंध के गंभीर रूप से गहराने की चेतावनी जारी की है।
दिल्ली में मंगलवार को दमघोंटू धुंध का संकट गहराने में पड़ोसी राज्यों में जलायी जा रही पराली के अलावा लगातार करवट लेते मौसम की भी अहम भूमिका है। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान में गिरावट और हवा के थमने की वजह से धुंध छंटने की संभावना नगण्य हो गयी है।
मौसम विभाग की अधिकारी डा. के. सती देवी ने बताया कि दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले 48 घंटों के दौरान तापमान और हवा की गति में गिरावट तथा नमी में इजाफे को देखते हुये वायुमंडल में धुंध छायी है।
उन्होंने बताया कि इस बीच हवा की गति भी तीन मीटर प्रति सेकेंड के न्यूनतम स्तर पर रहने की वजह से आज धुंध की चादर गहरा गयी। उन्होंने बताया कि इसका असर अगले तीन दिन तक पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उप, में बने रहने की आशंका को देखते हुये धुंध के गहराने की चेतावनी जारी की गयी है।
इस बीच अंतरिक्ष एजेंसी नासा की तस्वीरों में भी उत्तर भारत के वायुमंडल में आग जनित धुंये की मौजूदगी को दर्शाया गया है। नासा की तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के रूपर धुंये की मौजूदगी को लाल रंग से इंगित करते हुये साफ देखा जा सकता है। दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में हवा की गति थमने के कारण वायुमंडल में मौजूद प्रदूषक तत्वों पीएम 2.5 और पीएम 10 धुंध की शक्ल में जमा हो गये हैं। इसकी वजह से न सिर्फ हवा में घुटन बढ़ गयी है बल्कि यातायात सहित सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हुआ है।
हवा की गुणवता बताने वाला सूचकांक मंगलवार को अब तक के सबसे गंभीर स्तर पर पहुंच गया। इसके मुताबिक 500 अंक वाला सूचकांक 448 के अंक को पार कर गया। प्रदूषण का यह स्तर इस साल दूसरी बार पार हुआ। इससे पहले दिवाली के अगले दिन 20 अक्तूबर को भी यह स्तर पार हुआ था।
खासकर सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों, बुजर्ग और बच्चों की परेशानी बढ़ गयी है। साथ ही हवायी सेवायें भी धुंध के कारण उपजे दृश्यता संकट की वजह से विलंबित हुयी हैं। विमानपथन प्राधिकरण के आधिकारिक सूत्रों ने यहां स्थित आईजीआई हवाईअड्डे पर धुंध से उपजी दृश्यता में कमी को देखते हुये तीन में से सिर्फ एक रनवे को ही विमानों के आवागमन के लिये खोला।
हवाईअड्डा प्रशासन को सुबह धुंध के कारण छोटे रनवे को बंद करना पड़, जिसे दोपहर बाद दृश्यता सुधरने के बाद खोला जा सका। वहीं, तीसरा रनवे रखरखाव संबंधी काम के लिये आज से तीन दिन के लिये बंद कर दिया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक रनवे पर सुबह सात से आठ बजे के बीच दृश्यता का स्तर 200 मीटर ही रह गया था। इस वजह से दोपहर तीन बजे तक विमानों के प्रस्थान में 90 मिनट से दो घंटे तक की देरी दर्ज की गयी। मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर हवाईअड्डा प्रशासन ने विमानन कंपनियों को अगले तीन दिन तक विमान सेवायें सीमित करने को कहा है।