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पीएम मोदी का देश को तोहफा, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का ‌किया उद्घाटन

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अपनी चार की  उपल‌ब्धि का जश्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे’ (EPE) का उद्घाटन करके मनाया । पीएम मोदी ने आज ‌दिल्ली-NCR को एक सौगात देते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन ‌किया। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाई यात्रा के ज‌रिये बागपत पहुंचे वहां उन्होंने देश के पहले स्मार्ट और ग्रीन हाईवे ‘ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे’ (EPE) का उद्घाटन ‌किया। उन्होंने  एक जनसभा को सम्बो‌धित किया। इस हाइवे को 11 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है।

सेवक से खुश है विधाता ः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों का इतने बड़े हुजूम का यहां आना बताता है कि चार साल में हमारी सरकार ने अच्छा काम किया है। आज मुझे ऐसा लगता है कि अपने सेवक से उसका विधाता खुश है। आज चार साल के बाद फिर आपका ये प्रधानसेवक नतमस्तक होता है। उन्होंने कहा कि आज दो बड़ी सड़कों का लोकार्पण किया गया है। जो यहां के लोगों को काफी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अभी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का सिर्फ 9 किमी. का हिस्सा शुरू हुआ है वह दिल्ली-एनसीआर के लोगों की काफी सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में जाम के साथ-साथ प्रदूषण की समस्या भी बड़ी है। हम दिल्ली के चारों तरफ सड़कों का जाल बना रहे हैं। पीएम बोले कि ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे अपने आप में देश का पहला अनोखा एक्सप्रेस-वे है। दिल्ली के अंदर आज जितनी गाड़ियां पहुंचती हैं, उसमें से अब लगभग 30 प्रतिशत की कमी आ जाएगी। ना सिर्फ बड़ी गाड़ियां और ट्रक बल्कि 50 हज़ार से अधिक कारों को भी अब दिल्ली शहर के अंदर एंट्री की जरूरत नहीं पड़ेगी, ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।

उन्होंने कहा कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का जीवन स्तर ऊपर उठाने में देश के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। यही सबका साथ, सबका विकास का रास्ता है, क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर जात-पात, पंथ-संप्रदाय, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब में भेद नहीं करता। पीएम ने कहा कि इससे सबके लिए बराबरी के अवसर पैदा होते हैं। इसलिए हमारी सरकार ने हाईवे, रेलवे, एयरवे, वॉटरवे, आईवे और बिजली से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक ध्यान दिया है।

गन्ना किसानों की समस्या खत्म हो जाएगी : योगी बोले

रैली में यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पीएम मोदी खुद इस किसान बाहुल्य क्षेत्र में आएं हैं। उन्होंने कहा कि इसे पूरा करने के लिए 910 दिन का टारगेट रखा गया था, लेकिन सिर्फ 500 दिन में ही पूरा कर दिया गया है। योगी बोले कि एक्सप्रेस-वे के लिए किसानों को जमीन का सही मुआवजा मिला है। योगी ने कहा कि अगले साल तक यहां के गन्ना किसानों की समस्या खत्म हो जाएगी और यहां की मिल दोगुनी रफ्तार से काम करेगी। उन्होंने कहा कि यूपी की सरकार किसानों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी गन्ना किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलवाएगी।

11 हजार करोड़ से बना ईस्टर्न पेरिफेरल
दिल्ली-मेरठ हाइवे को बनाने में 842 करोड़ की लागत आई है। रोड ट्रांसपोर्ट, हाइवे एंड शिपिंग मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया कि प्रधानमंत्री दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर 6 किलोमीटर खुले जीप पर यात्रा करेंगे। पीएम वहां प्रदर्शनी तथा 3D मॉडल का भी उद्घाटन करेंगे. इसके बाद वह देश को ईपीई समर्पित करने के लिए बागपत जाएंगे। गडकरी ने बताया कि कुल 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल को तैयार करने में 11 हजार करोड़ रुपये की लागत आई है।

सौर ऊर्जा से रोशन होगा हाइवे
उन्होंने बताया कि यह देश का पहला राजमार्ग है जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी। इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की व्यवस्था होगी। हाइवे पर 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा और 40 झरने होंगे। उन्होंने बताया कि इसे रिकार्ड 500 दिन में पूरा किया गया है। एक्सप्रेस वे पर 8 सौर संयंत्र हैं जिनकी क्षमता 4 मेगावॉट है. प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिये आधारशिला 5 नवंबर 2015 को रखी थी।

हाइवे पर ढाई लाख पेड़-पौधे लगाए गए
गडकरी ने बताया कि पूरे हाइवे पर ढाई लाख पेड़-पौधों को लगाया गया है। हाइवे पर 8-10 साल की उम्र वाले पेड़ों को भी लगाया गया है। निर्धारित स्पीड से ज्यादा वाहन चलाने पर आटो चालान की व्यवस्था है। हाइवे पर ओवर स्पीड में चलने वाले वाहनों की पिक्चर कैमरा कैद कर लेगा. इस पर दूरी के हिसाब से टोल लिया जाएगा। ईपीई के एंट्री प्वाइंट कुंडली पर आइकोनिक टोल प्लाजा बनाया गया है।

सोनीपत, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और पलवल से होकर गुजरता है। इसे तैयार करने में 11 लाख टन सीमेंट, एक लाख टन स्टील, 3.6 क्यूबिक मीटर अर्थवर्क, 1.2 क्यूबिक मीटर फ्लाइएश का प्रयोग हुआ है।

ईस्टर्न पेरीफेरल देश का पहला राजमार्ग है जहां सौर बिजली से सड़क रोशन होगी। इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी। साथ ही इसमें 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा 40 झरने होंगे. इसे रिकॉर्ड 500 दिनों में पूरा किया गया है, इस एक्सप्रेस वे पर 8 सौर संयंत्र हैं। जिनकी क्षमता 4 मेगावाट है। प्रधानमंत्री ने इस परियोजना के लिये आधारशिला पांच नवंबर 2015 को रखी थी।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन,

गाजीपुर तक रोड शो करने के बाद अक्षरधाम से बागपत के लिए उड़ान

ये हैं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की खासियतें:-

1) 135 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल और ग्रेटर नोएडा के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

2) इस एक्सप्रेस-वे पर लाइटिंग की पूरी सुविधा सोलर पैनल के जरिए की जाएगी। यही नहीं इसका दृश्य भी बेहद सुंदर होगा क्योंकि इस एक्सप्रेस-वे के किनारों पर तकरीबन 2.5 लाख पेड़ लगाए जाएंगे।

3) अब तक यूपी से हरियाणा और हरियाणा से यूपी जाने वाले तकरीबन दो लाख वाहन प्रतिदिन दिल्ली से होकर सफर करते थे। इसके शुरू होने पर ये वाहन दिल्ली को बाईपास कर निकलेंगे, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी ।

4) नेशनल एक्सप्रेस-वे 2 कहे जाने वाले इस मार्ग पर पेट्रोल पंप, रेस्ट एरिया, होटल, रेस्तरां, दुकानों और रिपेयर सर्विसेज की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

5) हर 500 मीटर की दूरी पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था होगी. ड्रिप इरिगेशन की तकनीक के चलते इस पानी से ही पेड़ों की सिंचाई भी होगी।

6) स्वच्छ भारत मिशन को ध्यान में रखते हुए हर 2.5 किलोमीटर की दूरी पर टॉयलेट्स बनाए गए हैं। इस पूरे मार्ग पर 6 इंटरचेंज, 4 फ्लाईओवर, 71 अंडरपास और 6 आरओबी हैं. इसके अलावा यमुना और हिंडन पर दो बड़े पुल हैं।

कैसा है दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे?

भारत के पहले 14 लेन के दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का काम भी पूरा हो गया। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर 14 लेन के अलावा 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक भी होगा. दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने पर 7566 करोड़ रुपये का बजट है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से मेरठ जाने में 45 मिनट का ही समय लगेगा, जबकि फिलहाल इस रूट पर अक्सर ट्रैफिक जाम होने की वजह से 2 घंटे से ज्याद समया लग जाता है।

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