भारत की यात्रा पर आए जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) बिन अल-हुसैन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुरुवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं।
राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाह अब्दुल्ला की आगवानी की जहां उन्हें सलामी गारद पेश किया गया। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला ने भारत को दोस्त बताया और कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में इस तरह की और अधिक यात्राएं हों ।
वही , आज विज्ञान भवन में आयोजित इस्लामिक हेरिटेज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जॉर्डन नरेश की इस्लाम की पहचान बनाने में अहम भूमिका है। जॉर्डन का नाम संतों और पैंगबरों की आवाज बनकर दुनिया भर में गूंजा है। इस कार्यक्रम में जॉर्डन के किंग अब्दुल द्वितीय बिन-अल-हुसैन के साथ कई मुस्लिम धर्म गुरु भी मौजूद हैं।
> पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया को अमन की राह दिखाई. भारत की आबोहवा में सभी धर्मों की खुशबू है. दिल्ली सूफियाना की जगह है, यहां हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह भी है।
> पीएम ने कहा कि सांस्कृतिक विविधता ही हमारी पहचान है। देश में मंदिर में दिया भी जलता है तो मस्जिद में सजदा भी होता है। गुरुद्वारे में सबद गाई जाती है तो चर्च में प्रार्थना भी की जाती है।
> पीएम मोदी ने कहा कि अभी होली के रंग हैं, कुछ ही दिन बाद रमजान मनाया जाएगा। देश में बुद्ध नववर्ष, गुड फ्राइडे मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि इंसानियत के खिलाफ दरिंदगी करने वाले ये नहीं जानते कि ऐसा करने से धर्म का भी नुकसान होता है। आतंकवाद के खिलाफ मुहिम किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि मानसिकता के खिलाफ है। आतंकवाद पर काबू पाने में हम सक्षम हुए हैं।
> पीएम मोदी बोले कि हमारे देश में युवा के हाथ में कंप्यूटर है तो दूसरे हाथ में कुरान भी है।
> उन्होंने कहा कि अमन समझौते पर दस्तखत करने वालों में दो भारतीय शामिल रहे। देश की खुशहाली से ही सभी की खुशहाली है।
#WATCH Live from Delhi: PM Modi & King Abdullah II of Jordan at Vigyan Bhawan https://t.co/N78mrddEMh
— ANI (@ANI) March 1, 2018
प्रधानमंत्री मोदी और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला आज व्यापक बातचीत करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बातचीत में फलस्तीन के मुद्दे के साथ ही आतंकवाद, चरमपंथ और उग्रवाद से निपटने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है।
दोनों देश रक्षा सहयोग की रूपरेखा को अंतिम रूप देंगे। जॉर्डन के राजा के साथ एक उच्च स्तरीय बिजनेस प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है। किंग अब्दुल्ला प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे। राष्ट्रपति कोविंद उनके सम्मान में बृहस्पतिवार को एक भोज आयोजित कर रहे हैं।
इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शाह अब्दुल्ला से भेंट की थी और दोनों के बीच कारोबार, निवेश, सुरक्षा, पयर्टन एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क समेत अनेक विषयों पर व्यापक चर्चा हुई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि जॉर्डन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंध और मजबूत हुए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शाह अब्दुल्ला से भेंट की। दोनों नेताओं के बीच कारोबार, निवेश, रक्षा एवं प्रतिरक्षा, पर्यटन एवं लोगों से लोगों के बीच सम्पर्क समेत सभी क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध एक-दूसरे के प्रति शुभेच्छा और गर्मजोशी से भरे हैं।
आपको बता दें कि किंग अब्दुल्लाह द्वितीय बिन अल हुसैन पैगंबर मुहम्मद के 41वीं पीढ़ी के वंशज हैं। उन्हें कट्टरवाद और आतंकवाद से लड़ने के और वैश्विक पहल के लिए जाना जाता है। वह अल-अक्सा मस्जिद के संरक्षक भी हैं, जो इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है।
यह मस्जिद यरुशलेम के पुराने शहर में स्थित है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि किंग के दौरे से दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्ते मजबूत होंगे। भारत संघर्ष से भरे पश्चिम एशिया में जॉर्डन को स्थिरता और सद्भाव के मरु उद्यान के तौर पर देखता है।
उल्लेखनीय है कि जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला (द्वितीय) बिन अल हुसैन भारत की तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार को यहंा पहुंचे जहां उनकी भव्य अगवानी की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हवाईअड्डे पर उनके स्वागत के लिए प्रोटोकोल तोडक़र खुद पहुंचे थे । करीब तीन सप्ताह पहले ही प्रधानमंत्री ने फलस्तीन समेत पश्चिम एशिया की अपनी यात्रा के तहत जॉर्डन का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कहा था कि शाह अब्दुल्ला द्वितीय के दिल्ली आगमन पर उनका स्वागत है। इस महीने की शुरूआत में अम्मान में मेरे संक्षिप्त दौरे के बाद फिर से उनसे मुलाकात सुखद है। भारत की उनकी यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगी। मैं गुरूवार को हमारी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं।
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