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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मार्शल अर्जन सिंह को दी श्रद्धांजलि

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने आज भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अर्जन सिंह के पार्थिव शरीर को आज सेना के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल से उनके 7-ए कौटिल्य मार्ग स्थित आवास लाया गया। 98 वर्षीय सिंह का कल सेना के रिचर्स एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार कल सुबह दस बजे यहां बरार स्क्वेयर में किया जाएगा।

एयर चीफ मार्शल बिरेन्द्र सिंह धनोआ, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लाम्बा और थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी अर्जन सिंह के आवास पर पहुंचे। राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह के निधन से राष्ट्र शोक संतप्त। राष्ट्रपति कोविंद ने उनके निवास पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उन्होंने लिखा है, अर्जन सिंह जी वायु सेना के नभ:स्पृशं दीप्तम के आदर्श को जिये। ऋणी देश अपने वीर सपूत को सदा याद रखेगा।

मार्शल के अंतिम संस्कार के संबंध में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने आज सुबह बताया, उनका राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा और दिल्ली में सभी सरकारी इमारतों में अंत्येष्टि के दिन (18 सितंबर) राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाएगा। अर्जन सिंह वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के नायक थे और इकलौते वायु सेना अधिकारी थे जिन्हें फाइव स्टार रैंक दिया गया था। उनका 98 वर्ष की उम्र में कल यहां निधन हो गया। उन्हें 44 वर्ष की आयु में ही भारतीय वायु सेना का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी गई जिसे उन्होंने शानदार तरीके से निभाया।

वर्ष 1965 की लड़ाई में जब भारतीय वायु सेना अग्रिम मोर्चे पर थी तब वह उसके प्रमुख थे। अलग-अलग तरह के 60 से भी ज्यादा विमान उड़ाने वाले सिंह ने भारतीय वायु सेना को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु सेनाओं में से एक बनाने और विश्व में चौथी सबसे बड़ी वायु सेना बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बहुत कम बोलने वाले व्यक्ति के तौर पर पहचाने जाने वाले सिंह ना केवल निडर लड़ाकू पायलट थे बल्कि उनको हवाई शक्ति के बारे में गहन ज्ञान था जिसका वह हवाई अभियानों में व्यापक रूप से इस्तेमाल करते थे। उन्हें 1965 में देश के दूसरे सर्वाेच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

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