राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे एक ऐसा आदर्श तंत्र स्थापित और प्रोत्साहित करें जिसमें नागरिक थाने गए बिना ही अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें। वह भारतीय पुलिस सेवा के 69वें बैच के ट्रेनी अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इन अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में उनसे मुलाकात की। उन्होंने प्रौद्योगिकी के बारे में भी चर्चा की और इसे चुनौती तथा पुलिस के लिए मददगार औजार दोनों करार दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी से अपराधों के तरीके विकसित होते हैं वहीं इससे पुलिस को अधिक दक्षता के साथ अपने काम करने का मौका भी मिलता है। इससे नागरिकों को पुलिस बल के साथ संवाद तथा अपने घर या कंप्यूटर या मोबाइल फोन के इस्तेमाल से शिकायत दर्ज कराने का मौका मिलता है।
उन्होंने ट्रेनी अधिकारियों से इस प्रक्रिया को बढ़वा देने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि वह आदर्श पुलिस तंत्र है जिसमें नागरिकों को थाने जाने की जरूरत के बिना ही पुलिस से उचित मदद मिल सके। राष्ट्रपति ने कहा कि आईपीएस राष्ट्रीय प्रशासनिक प्रणाली के स्तंभों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा के सदस्य होने के नाते वे अलग राज्यों में काम करेंगे लेकिन वे राष्ट्रीय विचार का प्रतिनिधित्व करेंगे। कोविंद ने कहा कि उनका काम कानून के शासन के साझा सिद्धांत तथा लोकतांत्रिक राजनीति को कायम रखना है तथा उस अर्थ में, वे न सिर्फ लोक व्यवस्था और ईमानदार आचरण के बल्कि कानून की गरिमा के भी संरक्षक हैं। उन्होंने अधिकारियों से आहवान किया कि वे बिना भय या पक्षपात के तथा विलंब किए बिना अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। राष्ट्रपति ने उनसे कहा कि संविधान उनके लिए पवित्र ग्रंथ और स्थायी मार्गदर्शक होना चाहिए।