पटना : मोदी सरकार ने देश के किसानों से वादा किया था कि हमारी सरकार आयेगी तो कृषि को उद्योगा का दर्जा दिया जायेगा। जिससे उद्योग की तरह किसान भी आगे बढ़ें एवं अन्य तरह की योजनाएं लागू की जायेगी। लेकिन उनका यह घोषणा टांय-टांय फिस हो गया। केन्द्र सरकार ने जो फसल बीमा योजना बनाया वह केवल एजेंसी को मालोमाल करने हेतु बनाया है।
किसानों को इससे कोई लाभ नहीं। ये बातें आज कांग्रेस मुख्यालय, सदाकत आश्रम में बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार ने किसानों को 72 हजार करोड़ रुपये का ऋण माफ किया था। किसानों के फसल खरीद कर सरकार द्वारा सही कीमत पर खरीद करे और वह रुपया किसानों के खाते में जा सके।
अगर किसान दलहन, मकई, सब्जी पैदा करने वाले किसानों को हाथोंहाथ नगद रुपया न देकर चेक दे ताकि वे बैंक में जमा कर अपना उत्पादन का रुपया ले सकें। हमारी दूसरी मांग यह है कि जो किसान अनाज बेचना चाहें उसे तत्काल पैक्स द्वारा बाजार दर पर खरीदा जाये और शत-प्रतिशत किसानों को लाभ मिल सके। कृषि ऋण के लिए कृषि बैंक खाताधारकों को आरबीआई द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए। बिहार में बंद पड़े चीनी मिलों को पुन: चालू कराया जाये और गन्ना किसानों के मूल्य को तत्काल भुगतान किया जा सके।
बिहार सरकार में किसानों के समस्या को नजरअंदाज किया। गेहॅू और मक्का के समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं करना राज्य केकिसानों के साथ शोषण है। श्री गोहिल ने कहा कि 2022 तक किसानों को आय का दो गुना करना एक जुमला है। इसकेलिए 10.4 प्रतिशत वार्षिक वृद्घि करनी होगी। जो मोदी सरकार के कार्यकाल में सीएजीआर केवल 2.5 प्रतिशत है। किसानों के गहरे संकट को ध्यान में रखकर नये सिरे से एमएसपी निर्धारित हो। ताकि किसान अपना उपज खुले रूप से बेच सकें।
भाजपा सरकार ने फसल बीमा के नाम पर निजी बीमा कंपनियों को 2016-17 में 14 हजार करोड़ रुपये मूल्य का मुनाफा कमाया। जबकि देश के किसानों का केवल 6 हजार करोड़ रुपये का क्षतिपूर्ति मिला। किसानों के लिए बैद्यनाथन कमिशन लागू करना चाहिए। किसान केलिए हक हकूक के लिए कांग्रेस पार्टी एक टॉल फ्री नम्बर-18001007140 जारी किया है। वहीं 25 जून से सभी जिला स्तर पर पार्टी द्वारा रैली और जिलाधिकारी को ज्ञापन देंगे। उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि फसल बीमा योजना में केन्द्र सरकार की योजना को लागू नहीं करके अपना योजना लागू कर रहा है।
क्योंकि केन्द्र सरकार का फसल बीमा योजना केवल किसानों को दोहण कर रही है और कंपनी मालोमाल हो रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार एक सेकुलर पार्टी के साथ थे क्यों गये भाजपा में वह आने वाला इतिहास बतायेगा। क्योंकि गुजरात के ततकालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे और मैं विपक्ष में था। लेकिन वे केवल तोड़-मरोड़ कर काम करते थे डेमोके्रसी में कोई विश्वास नहीं है।
मोदी जैसा फ्रॉड व्यक्ति कोई नहीं है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह, विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी, पूर्व मंत्री मदन मोहन झा, विधायक बंटी चौधरी, राजेश राठौर, संजीव प्रसाद टोनी, विधायक विजय शंकर दूबे, पार्टी के वरिष्ठï नेता अश्विनी कुमार,भाई कुन्दन गुप्ता, वैशली के प्रतिमा कुमारी, एच. के. वर्मा, लालबाबू लाल इत्यादि उपस्थित थे।
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