चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह निजी तौर पर यहां मरीना तट पर पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के स्मारक के निर्माण के खिलाफ है लेकिन इस संबंध में द्रविड़ मुनेत्र कषगम की याचिका पर फैसला कानून के मुताबिक ही होगा। मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी के अध्यक्षता वाली प्रथम पीठ ने तमिलनाडु सरकार को मरीना तट पर सुश्री जयललिता का स्मारक बनाने से रोकने संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि वह निजी तौर पर तटीय नियामक क्षेत्र में इसके निर्माण के खिलाफ हैं।
न्यायमूर्ति बनर्जी ने कहा,’ मेरा निजी विचार है कि मरीना में तटीय नियामक क्षेत्र में स्मारक का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। यह एक लंबी तटीय रेखा है और इसकी रक्षा करना हर किसी का दायित्व है।’ उन्होंने कहा, ‘ मेरे निजी विचार न्यायिक दृष्टिकोण के भी समान हों, ऐसा जरूरी नहीं है। इस संबंध में फैसला दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कानून के आधार पर किया जाएगा।’ गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने हाल ही में इस स्मारक की आधारशिला रखी है।
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