मोगा छेड़छाड़ कांड में 4 को बरी कर दिया गया है जी हाँ , आज पंजाब कोर्ट ने मोगा में 2015 में 13 साल दलित लड़की के साथ छेड़छाड़ करने और चलती बस से धक्का दिये जाने के कारण उसकी मौत होने के मामले में बस चालक और उसके 3 साथियों को साक्ष्य के अभाव का हवाला देते हुये बरी कर दिया। ऐसा पीड़िता की मां के बयान से मुकर जाने के कारण हुआ। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश लखविंदर कौर दुग्गल ने कल बस चालक रंजीत सिंह, कंडक्टर सुखविंदर सिंह उर्फ पम्मा और दो खलासियों अमर राम और गुरदीप सिंह को बरी कर दिया।
लड़की की मां के बयान के आधार पर इनके खिलाफ आईपीसी के अन्तर्गत हत्या और यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पोस्को) कानून के अलावा एससी और एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। बस में छेड़छाड़ और मां के साथ चलती बस से धक्का दे दिये जाने के कारण 29 अप्रैल 2015 को लड़की की मौत हो गयी थी। इस घटना से देश भर में आक्रोश व्याप्त हो गया था।
मामले की मुख्य गवाह लड़की की मां ने अपना बयान बदल दिया था जबकि उसके भाई ने अदालत में कहा था कि उसे याद है कि उसकी मां और बहन को बस से धक्का दिया गया था लेकिन वह आरोपी की पहचान नहीं कर सका। इस बीच, दिहाड़ी मजदूर का काम करने वाले लड़की के पिता ने इसे भगवान की मर्जी करार दिया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती शिअद-भाजपा सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था जो उसे अभी तक नहीं दी गयी है।