लुधियाना : 38 वर्षीय मां के नाजायज संबंध उसके 7 वर्षीय बेटे की मौत के कारण बन गए। महिला के प्रेमी ने उसके 7 साल के मासूम अभिजोत को अपना शिकार बनाकर मामले को हादसा करार देने की कोशिश की, लेकिन कानून के लंबे हाथ और अनुभवी नजरों के चलते वह बच नहीं सका। लुधियाना पुलिस ने आरोपी को जमालपुर चौक में बस चढक़र फरार होने से पहले ही काबू कर लिया।
पत्रकार वार्ता के दौरान ए.डी.सी.पी राजवीर सिंह ने बताया कि 3 दिसंबर को गुरदसापुर के गांव सेखवां के बोध राज ने थाना जमालपुर पुलिस को शिकायत दी थी कि पारिवारिक कारणों के चलते उसकी पत्नी मनदीप कौर लंबे वक्त से 7 वर्षीय बेटे अभिजोत सिंह के साथ उनके ही गांव के रहने वाले तथाकथित प्रेमी मनजीत के साथ लिव इन रिलेशनशिप के चलते लुधियाना में रह रही थी। लेकिन मनजीत उनके बेटे अभिजोत को पसंद नहीं करता था। इसी के चलते दो साल पहले उसने अभिजोत की टांगें भी तोड़ दी थीं।
इस क्रम में 2 दिसंबर को आरोपी मनजीत सिंह ने अपनी प्रेमिका बनाम पत्नी को मोटर साइकिल पर ब्यास स्थित एक धार्मिक स्थल पर छोड़ आया जबकि बच्चा घर में अकेला रह गया और देर शाम खुद वापिस लुधियाना आ गया, जबकि उसकी पत्नी वहां से उसके पास गुरदासपुर के गांव सेखवां आ गई। रात करीब 1.30 बजे उन्हें मनजीत का फोन आया कि अभिजोत कोठे से गिर गया है और उसे एक फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सुबह उसे व उसकी पत्नी को मनजीत अस्पताल के बाहर मिला, जहां उसने बताया कि उनके बच्चे की लाश अस्पताल में पड़ी है और वह पैसे लेने जा रहा है। बोध राज की शिकायत पर 3 दिसंबर को थाना जमालपुर पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया।
इस कड़ी में, 4 दिसंबर को आरोपी मनजीत को जमालपुर चौक से काबू कर लिया, जो वहां से बस पर सवार होकर फरार होने की फिराक में था। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि महिला को छोडऩे के बाद आरोपी ने 2 दिसंबर को उसके बेटे को कत्ल करके उसकी लाश को सीढिय़ों से नीचे फैंक दिया था और बाद में लाश को लुधियाना स्थित फोर्टिस अस्पताल ले गया। फिलहाल पुलिस ने मनदीप के बयान पर मंजीत सिंह के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और बच्चे की लाश का पोस्टमार्टम करके वारिसों के हवाले कर दिया है। अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
– सुनीलराय कामरेड