लुधियाना- अमृतसर : शिरोमणी अकाली दल ने जि़ला गुरदासपुर के साथ सम्बन्धित अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाडी कुलदीप कौर की खुदकुशी और परिवार के साथ हुई बेइन्साफ़ी के लिए जि़म्मेदार ठहराते कांग्रेसी मंत्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा से इस्तीफ़ा लेने और उस समेत कांग्रेस के पूर्व चेयरमैन बलविन्दर सिंह बिल्ला कोटला बामा और अन्य दोषियों खि़लाफ़ केस दर्ज करते तुरंत गिरफ़्तार करन की सरकार से माँग की है।
अकाली दल के नेता स. वीर सिंह लोपोके, स. हरमीत सिंह संधू, स. दलबीर सिंह वेरका, मलकीत सिंह ए आर ( बारे पूर्व विधायक), शहरी प्रधान गुरप्रताप सिंह टिका,यूथ टेढ़ापन दे प्रधान रवि करन सिंह काहलों, सचिव जनरल तलबीर सिंह गिल और शिरोमणी समिति मेंबर गुरिन्दरपाल सिंह लाली रणीके ने आज कराटे खिडारन कुलदीप कौर की बहन बलवीर कौर जो कि पंजाब यूनिवर्सिटी में ला के छात्रा हैं की मौजूदगी में एक सुर में कहा कि अकाली दल पीडि़त परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ा है, अगर दोषी खि़लाफ़ तुरंत कार्यवाही न की गई तो पार्टी प्रधान स. सुखबीर सिंह बादल की हिदायत पर इंसाफ़ के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जायेगी। नेताओं ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और सरहदों पर पहरा देने वाले फ़ौजी जवान का परिवार देश के लिए सरमाया हैं परन्तु जिस सरकार में देश को मान दिलाने वाले खिलाडिय़ों और फ़ौजी जवान का परिवार की जान माल ही सुरक्षित न रहे उस सूबो में बाकी आम जनता का क्या हाल होता होगा, इस बारे अंदाज़ा लाने मुश्किल नहीं होगा। उन्होंने दुखी मन के साथ बताया कि जिस घर से 8जनवरी को बड़ी बहन की डोली उ_नी थी आज उस घर मातम छाया हुआ है।
इस मौके खुदकुशी कर गए कराटे खिलाडी कुलदीप कौर की बहन बलवीर कौर निवासी गुजरपुरा जि़ला गुरदासपुर ने कहा कि उस की बहन की खुदकुशी व्यवस्था पर करारी थप्पड़ है।उन्होंने बताया कि कांग्रेसियों के कहर बारे उन्होंने पहले सुना ज़रूर था परन्तु पिछले 8महीनों दौरान इस क्रूरता को देख भी लिया है। उन्होंने बताया कि दोषियों को कांग्रेसी नेताओं की शह और पुलिस आधिकारियों की मिलीभुगत कारण इंसाफ़ न मिलता देख उस की बहन खुदकुशी करने के लिए मजबूर हुई। पुलिस ने अपनी जि़म्मेदारी समझ कर ड्यूटी नहीं निभाई, मेरी बहन चली गई उसे अब वापिस नहीं ला सकते। उस ने बताया कि केस की पहरेदारी के लिए 70 दिन सडक़ पर गुज़ारी और 13 हज़ार किलो मीटर का सफऱ किया। उस ने कहा कि उस के गरीब परिवार की माँ कैंसर की मरीज़ है और पिता पैरालाईज की बीमारी के साथ पीडि़त है, उस का भाई फ़ौज में है जो अरुणाचल प्रदेश में तैनात है और परिवार में कुछ ओर बचे भी हैं जिन को भी निशाना बनाया गया। उन्होंने अपने परिवार के साथ हुई ज्यादतियों की हृदयविदारक दास्तान बारे बताया कि कांग्रेस ने उनके हँसते बसते परिवार को बुरी तरह तबाह कर कर रख दिया है।
मंत्री तृप्त राजिन्दर बाजवा और एसएचओ से ले कर डीजीपी तक ने कोई सुनवाई तो क्या करनी थी बल्कि उन्होंने दोषी कांग्रेसी वर्करों का साथ दिया और उन्होंने प्रति कानूनी ढाल बने रहे। गाँव के ही कुछ कांग्रेसी लोग जिन पहले भी उन की कुछ ज़मीन पर नाजायज कब्ज़ा किया हुआ था वह ओर ज़मीन पर कब्ज़ा करना चाहते थे। उन को 5मई 2017 से लगातार धमकें मिल रही थे, जिस बारे पुलिस आधिकारियों को दर्जनों बार आवेदनपत्र दी गई परन्तु राजनैतिक दबाव पर चलते कोई कार्यवाही न हुई। बलवीर कौर ने 24 अक्तूबर की पंजाब सिवल सचिवालय की गेट के पास दिखाते बताया कि उनकी तरफ से कांग्रेसियों की ज्यादतियों को लेकर मंत्री तृप्त बाजवा के साथ मुलाकात की गई जिस दौरान बाजवा ने इंसाफ़ दिलाना तो दूर बल्कि लडक़ी मय तो अपनी पार्टी का ही साथ देंगे कहकर वापस भेज दिया। 26 अक्तूबर वाले दिन शाम 5.30 बजे कांग्रेसी अजायब सिंह, प्रगट सिंह, प्रीतम सिंह, क्रम सिंह कुलवंत सिंह आदि दर्जनों बंदों ने मंत्री बाजवा और कांग्रेसी नेता बलविन्दर बिल्ला कोटला बामा की सह पर उनके परिवार पर हमला कर दिता, मेरी माता सुखविन्दर कौर जो कैंसर के साथ पीडित हैं पर आधा घंटा ट्रैक्टर चढ़ाई रखा और गहरी चोटों मारें गई। एम एल आर मुताबिक माँ को 13 चोटों लगीं। इसी तरह बहन कुलदीप कौर को 6चोटें लगीं। बेकसूर भाँजी जो कि छात्रा है को भी झूठे केस में फसा दिया गया।
डाक्टरों की तरफ से अणफिटें को खऱाब हो करार दे कर जबरन छुट्टी कर दिती गई। दोषियों पर कार्यवाही करन की जगह पुलिस थाना घणीए कर बाँगड़ के प्रमुख परमजीत सिंह और डी यह पी फ़तेहगढ़ चूडिय़ाँ रवीन्द्र कुमार ने उल्टा उस के परिवार पर क्रास केस दर्ज कर दिया।इस दौरान मेरी बहन कुलदीप की इज्जत को भी हाथ पाया गया।मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस ने मामला तो दजऱ् कर लिया परन्तु दोषियों को नहीं पकड़ा।इस दौरान सैनिक भाई सतवंत सिंह छुट्टी ले कर पुलिस आधिकारियों के आगे इंसाफ़ के लिए गिड़गिड़ाउंदा रहा। अंत पुलिस की लापरवाही और ज्यादतियों प्रति कोई कार्यवाही न करन पर मेरी बहन कुलदीप कौर अपनी बेइज़्ज़ती बरदाश्त न कर सकी और अपनी जान दे दी। उन्होंने मृतक कुलदीप कौर की तरफ से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीते तगमे दिखाते कहा कि जूडो कराटे की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जिस ने खेलों में कई तगमे जीत थे परन्तु कानून और व्यवस्था के खेल के आगे अपनी जि़ंदगी हार गई। उन्होंने कहा कि जब तक वह कातिलों को सलाखों के पीछे नहीं पहुँचा देती वह चैन के साथ नहीं बैठेगी।उन्होंने सरकार से इंसाफ़ की गुहार लगाई है।
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– सुनीलराय कामरेड