फिल्म ‘पद्मावती’ पर प्रतिबंध का समर्थन करने संबंधी संकेतों को खारिज करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज आरोप लगाया कि उनके बयान को मीडिया के एक हिस्से में तोड़-मरोड़ कर छापा गया है। उन्होंने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि न तो उन्होंने फिल्म पर प्रतिबंध का समर्थन किया है और न ही फिल्म के कलाकारों और निर्देशक को दी जा रही धमकियों का। उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर सबसे संयम बरतने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कुछ कट्टरपंथी तत्वों के फिल्म के कलाकारों और निर्देशक को दी जा रही धमकियों के पूरी तरह खिलाफ हैं लेकिन दोहराया कि यदि ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ से किसी की भावनाएं आहत होती हैं तो उसे शांतिपूर्ण विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन और धमकियों में फर्क समझा जाना चाहिये।
उन्होंने आश्चर्य जताते हुए पूछा, ‘मैंने जब फिल्म देखी ही नहीं तो उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग या समर्थन कैसे कर सकता हूं।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि सोमवार को उन्होंने इतना ही कहा था कि अगर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की कोशिशें हुई हैं तो उसका विरोध सही है।
श्री सिंह ने कहा कि किसी को भी दूसरों से असहमत होने और उसके लोकतांत्रिक तथा शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता पर इसी के साथ किसी भी व्यक्ति या संगठन को असहमति को लेकर किसी को धमकी देने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘मैं धमकियां देने वाले लोगों के खिलाफ हूं और चाहता हूं कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी अगर देश में शांति और सछ्वावनापूर्ण माहौल को खराब करना चाहता है तो उससे सख्ती से निबटा जाना चाहिए।