लुधियाना-श्रीमुक्तसर साहिब : भारतीय जनता पार्टी की पंजाब इकाई के कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व राज्य सचिव सुभाष भटेजा द्वारा खुदकुशी करने का मामला सामने आया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार मृतक सुभाष भटेजा ने लोगों से काफी लेन-देन कर रखा था और उसी लेनदेन के कारण पैसे वापिस ना मिलने से वह परेशान रहते थे। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने अपने सुसाइड नोट लिखने उपरांत सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। सुभाष भटेजा की आत्महत्या का समाचार सुनते ही भाजपा समेत इलाका वासी और अलग-अलग पार्टियों से जुड़े सियासी नेता अचम्भित है। फिलहाल पुलिस ने कार्यवाही करते हुए लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है।
जानकारी अनुसार अपने इलाके में निधड़क और समाज सेवक के तौर पर पहचाने जाने वाले सुभाष भटेजा की खुशकुशी पश्चात शहर में शोक सी लहर है। जिक्रयोग है कि सुभाष भटेजा 1992 से लेकर 1999 तक भाजपा के जिला प्रधान रहें और 2008 से लेकर 2011 तक पंजाब भाजपा के सचिव रहे है। पुलिस को दिए गए बयान में सुभाष भटेजा के बेटे नितिन भटेजा ने बताया कि खुदकुशी करने से पहले जो आत्महत्या नोट सुभाष भटेजा ने अपने हाथों से लिखा है, प्राप्त हुआ है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह एक इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट चला रहे है और इंस्टीच्यूट में कालेज की अध्यापिका शमिंद्र कौर जिसने कालेज की फीसों में गबन किया था को कालेज से निकाल दिया गया परंतु उस अध्यापिका ने अपने पति रपिंद्र सिंह और ससुर जगीर सिंह से बातचीत करके उसपर एक लाख 92 हजार रूपए वेतन ना देने और लड़के की नौकरी के लिए पैसों की ठगी मारने के आरोप लगाए थे।
जिसके तहत आज उन्हें स्थानीय दाना मंडी स्थित एंटीफ्राड विंग ने पेशी के लिए बुलाया था, इसके अतिरिक्त रवि भटेजा उसके 16 लाख रूपए और डाली खेड़ा 15 लाख रूपए वापिस नहीं कर रहा, उक्त पांचों लोगों के कारण वह काफी परेशानी में चल रहा है और इसी परेशानी के चलते वह आत्महत्या करने को मजबूर है। सूत्रों के मुताबिक जिस वक्त घर में ही सल्फास की गोलियां खाने के कारण जब उसको अस्पताल के लिए ले जाया जा रहा था तो उसने आत्महत्या नोट के बारे में जिक्र किया किन्तु अस्पताल पहुंचते ही कुछ वक्त पश्चात सुभाष भटेजा की मौत हो गई।
पुलिस ने आत्महत्या नोट के आधार पर सुभाष भटेजा ओर पुत्र नितिन भटेजा के बयान के तहत उपरोक्त पांचों के विरूद्ध धारा 306-34 के तहत मामला दर्ज करके कार्यवाही शुरू कर दी है।
– सुनीलराय कामरेड