लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

ब्लू वेल खेल ने निगल ली एक और मासूम की जिंदगी

NULL

लुधियाना-पटियाला : ब्लू वेल खेल का तमाशा थमता नजर नहीं आ रहा। देश के अन्य हिस्सों में अनगिनित हिस्सों में बच्चों की मौत के बाद ब्लू वेल खेल ने पंजाब में भी शिकार करने शुरू कर दिया है। अब इस खेल का शिकार 16 वर्षीय नौजवान हुआ है। जिसकी पहचान असकरन सिंह उर्फ साहिब पुत्र एनपी सिंह चडढा के तौर पर हुई है। साहिब की लाश उसके घर में लोहे की पाइपों के साथ लटकती पाई गई। जिस वक्त इस नौजवान ने फांसी के फंदे को चूमा था उसके माता-पिता किसी पारिवारिक मित्र के यहां शादी में शरीक होने के लिए गए हुए थे और उनका बेटा घर में अकेला ही था। मृतक साहिब सिंह के चाचा कुलवंत सिंह चडढा के मुताबिक असकरन सिंह पूर्ण रूप से गुरू सिख था, जिसने बड़ी छोटी ही आयु में अमृत छका था और वह वाहेगुरू का नाम हरदम जपता रहता था।

चड्ढा का कहना है कि उसके भतीजे ने भी उस दिन अपने माता-पिता के साथ पार्टी में जाना था परंतु जानबूझकर वह यह कहकर घर में ही रूका रहा कि वह बाद में पहुंच जाएंगा। किसी को क्या मालूम था कि उसके दिल-दिमाग में क्या चल रहा है। चडढ़ा के अनुसार साढ़े नौ बजे उसकी साहिब के साथ बातचीत हुई थी। हालांकि उसने जल्द ही आ जाने का आश्वासन भी दिया जबकि 14 मिनट बाद ही उसका फोन बजता रहा। हालांकि वह ब्लू वेल खेल का निवाला बन चुका था।

कुलवंत चडढ़ा का कहना है कि पिछले एक सवा महीने से साहिब बिल्कुल शांत रहने लगा और अकेला रहने का प्रयास करता जब भी उसे इसका कारण पूछा जाता तो वह बिना कुछ कहें हर बार बात को हंसकर टाल देता क्योंकि साहिब गुरमीत विचारों का पालन करता था और पाठ-पूजा करने वाला था, इसलिए किसी ने भी उसकी चुप्पी को गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें नहीं पता था कि साहिब के स्वभाव में आ रही शांति उसको दिनबदिन ब्लू खेल में जकड़ती जा रही है और आखिर ब्लू खेल गेम का आखिरी टास्क पूरा करने के लिए साहिब ने फांसी लेकर जिंदगी की गेम से हमेशा के लिए आउट हो गया और आउट होते ही वह छोड़ गया अपने पीछे रोते-बिखते मां-बाप को। उसकी बहनों का दुख देखा नहीं जा रहा था।

जिक्रयोग है कि बलू खेल गेम ने पिछले वक्त सैकड़ों ही जिदंगियों को निवाला बनाया है। इसके बावजूद हुकूमत इस खेल का मुकाबला करने में असफल सिद्ध हो रही है। पिछले ही दिनों पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जनहित पार्टीशन पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए अपना दावा पेश करने के लिए कहा हुआ है। हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार उन सर्च इंजनों पर रोक लगाएं जहां ब्लू वेल गेम डाउनलोड होती है। पिछले ही दिनों पठानकोट में भी एक बच्चा इस खेल का टास्क पूरा करते हुए पंखे से झूल गया था।

– सुनीलराय कामरेड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।