बादलों ने फिल्म को क्लीन चिट दिलाने के लिए जत्थेदार पर डाला दबाव - सरना - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

बादलों ने फिल्म को क्लीन चिट दिलाने के लिए जत्थेदार पर डाला दबाव – सरना

NULL

लुधियाना : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना ने प्रथम पातशाह श्री गुरूनानक देव जी के पारिवारिक सदस्यों की आध्यात्मिक जीवनी पर आधारित धार्मिक फिल्म ‘ नानकशाह फकीर ’ के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, डीएसजीएमसी के मौजूदा प्रधान मनजीत सिंह जीके, एसजीपीसी के पूर्व प्रधान अवतार सिंह मक्कड़, अकाली दल की स्त्री विंग की प्रधान बीबी जगीर कौर, एसजीपीसी के पूर्व कार्यकारिणी सदस्य राजिंदर सिंह मेहता इत्यादि को पंथ से निष्कासित किए जाने की मांग की। उन्होंने श्री अकालत तख्त साहिब के फतवों के बारे में बड़ा सवाल करते हुए कहा कि सिक्का को निष्कासित किए जाने से पहले जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया जाना चाहिए था।

सरना ने शिरोमणि अकाली दल के बाबा बोहड़ कहे जाने वाले बुजुर्ग सियासतदान और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर फिल्म की मान्यता के लिए सिख आगुओं पर दबाव डालने के आरोप लगाते हुए कहा कि बाप-बेटे ने ही एसजीपीसी के अन्य सदस्यों पर दबाव बनाया था। वह लुधियाना में एक दीक्षांत समारोह के सिलसिले में आए हुए थे।

हरविंद्र सिंह सरना ने यह भी कहा कि नानकशाह फकीर फिल्म कोई रातो-रात नहीं बनी बल्कि कई साल लग गए थे। उन्होंने ज्ञानी गुरबचन सिंह समेत 34 के करीब सिख आगुओं पर आरोप लगाया कि वे 2015 में हरिन्दर सिंह सिक्का के आमंत्रण पर फिल्म देखने गए थे, उन्होंने यह भी बताया कि सिक्का ने उन्हें आमंत्रण दिया था, किंतु उन्होंने जाने से इंकार किया। सरना ने फिल्म में श्री गुरू नानक देव जी के एनिमेटिड रोल के दावे को झूठा करार दिया और कहा कि कोई भी गुरू साहिब व उनके पारिवारिक सदस्यों का रोल नहीं कर सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि सिक्का से फिल्म को लेकर कथित तौर पर पैसे लिए गए हैं। एसजीपीसी की ओर से पंथ को धोखे में रखने की खाितर जांच कमेटियां बनाई जाती रहीं, जबकि एसजीपीसी के एक पूर्व सदस्य ने उन्हें बताया है कि सुखबीर सिंह बादल यदि सिक्का को बिना इंतजार करवाए फटाफट बुला लेते है, तो उसकी उससे कोई बातचीत होगी, निश्चित तौर पर उससे फायदा मिला होगा। शिरोमणि कमेटी के सदस्य और पूर्व महासचिव सुखदेव सिंह भौर द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का जिक्र करते हुए सरना ने कहा कि शिरोमणि कमेटी के तत्कालीन प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने उन चार सदस्यों पर दबाव बनाया था कि फिल्म देखने के साथ-साथ मंजूरी भी देनी है।

सरना ने अवतार सिंह मक्कड़, बीबी जगीर कौर और जत्थेदार गुरबचन सिंह से सवाल किया कि वे बताएं कि सिख कौम का और कितना नुक्सान करना है? इस फिल्म को उनके द्वारा देखना ही गुनाह ही था। स्टोरी का पता लगते ही, इन्हें रिजैक्ट कर दिया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त चार लोगों ने फिल्म में से 31 आपतिजनक दृश्यों और संवादों पर नुक्स निकाले थे तत्पश्चात श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने स्वयं हस्ताक्षर करके सिक्का की तारीफ करते हुए पत्र दिया था।

सरना ने कहा कि फिल्म के ट्रेलर पर ही सिख कौम जाग गई तो मामला पलट गया। सरना के मुताबिक सिक्का से पहले जत्थेदार, पूर्व प्रधान मक्कड़, एसजीपीसी सचिव, डीएसजीएमसी के प्रधान, उनके सचिव को पंथ से निष्कासित किया जाना चाहिए। जिन्होंने सिक्का की फिल्म को मंजूरी क्यों दी? साल 2015 में ही इन्होंने फिल्म नानक शाह फकीर बनाई, श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं हुईं, डेरा सिरसा साध को माफी दी, फिर वापिस ली, जो एनडीए सरकार बनने के 8 माह बाद की घटनाएं हैं, जो आरएसएस के निशाने पर सिख पंथ को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश है।

– सुनीलराय कामरेड

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक  करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।