चंडीगढ़ : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महिलाओं के शिक्षित और सशक्तिकरण पर जोर देते हुये कहा है कि इसी से ही समाज का सही मायने में विकास होता है। श्री कोविंद ने आज यहां एमसीएम डीएवी महिला कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में अपने सम्बोधन में कहा कि एक बेटी को शिक्षित करने के दो फायदे हैं। पहला, वह दो परिवारों को शिक्षा और ज्ञान के महत्व से अवगत कराती है और दूसरा, वह परिवार की सही देखभाल करती है और भावी पीढ़ को भी सुशिक्षित बनाती है। उन्होंने कहा कि देश कि बेटियों ने संस्कृति, कला, खेल कूद, व्यापार और उद्योग के क्षेत्रों में देश का नाम रोशन किया है। उन्होंने इस सम्बंध में चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर का उल्लेख किया जिन्होंने अपनी मेहनत से सिने और राजनीतिक जगत में अपनी पहचान बनाई हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अपने अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली चंडीगढ़ की अनेक बेटियों की लम्बी सूची उनके पास है। लेकिन इस अवसर पर नीरजा भनोज अवश्य उल्लेख करेंगे जिन्होंने वर्ष 1986 में पेनेएम उड़न की परिचारिका के रूप में अदम्य साहस का परिचय और अपना बलिदान देते हुये विमान अपहर्ताओं के मंसूबों को नाकाम करते हुये 359 यात्रियों की जान बचाई। ऐसी बेटियों पर चंडीगढ़ को नहीं बल्कि विश्व को नात्र है। श्री कोविंद ने कहा कि पढ़ लिखी बेटियां आज अनेक क्षेत्रों में अपने कौशल का लोहा मनवा रही हैं। उच्चतर शिक्षा में बेटियों का पंजीकरण 2015-16 में 46 प्रतिशत तक पहुंच गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में गत कुछ वर्षों में बढ़तरी हुई है। लेकिन यह अपेक्षानुरूप नहीं है और इसी तरह इंजीनियर जैसे क्षेत्रों में भी उनकी उपस्थित कम है। उम्मीद है कि शिक्षण संस्थाओं और समाज के संयुक्त प्रयासों से इन क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़गीं।
उन्होंने विद्यार्थियों को देश और समाज के प्रति अपने दायित्वों को समझने तथा व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक जीवन में सामंजस्य स्थापित करते आगे बढ़ने का आहवान किया और कहा कि इसी के बल पर ही देश विकसित राष्ट्र बन सकता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी यह सुनिश्चत करें कि उनकी ज्ञान का उपयोग देश तथा समाज के निर्धतम व्यक्ति की बेहतरी के लिये होना चाहिये। राष्ट्रपति ने अभिभावकों से भी अपील की कि वे अपनी बेटियों को खुले में जीने की आजादी, वैचारिक एवं सामाजिक स्वतंत्रता, नये नये क्षेत्रों का अनुभव हासिल करने के लिये प्रोत्साहित करें। इससे उनमें आत्म विश्वास बढ़गा। उन्होंने इस मौके पर अवनि चतुर्वेदी, सानिया मिर्जा, सान्या नेहवाल, पी.वी. सिंधू, अरूण रेड्डी और एम.सी। मैरीकॉम जैसी महिलाओं का उल्लेख किया जिन्होंने अपने अपने क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल करते हुये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया है।
राष्ट्रीय कोविंद-महिलाएं दो अंतिम चंडीगढ़ श्री कोविंद ने इस मौके पर इसी माह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक दिवसीय श्रंखला में भारतीय महिला क्रिकेट टीममें प्रतिनिधित्व करने वाली तान्या भाटिया, उज्बेकिस्तान में 9वीं एशियाई तैराकी चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता चाहत अरोड़, नेपाल में दक्षिण एशियाई रोल बॉल चैम्पियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता नताशा, गिनीस बुक रिकार्ड धारक और नई दिल्ली में आयोजित भारतीय अंतरराष्ट्रीय ताइकवांडो चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता यामिनी गुप्ता और उज्बेकिस्तान में आयोजित विश्व कप रिद्मिक चैम्पियनशिप में भाग लेने वाली पलक कौर बिजराल को भी सम्मानित किया।
राष्ट्रपति ने कॉलेज को उसकी स्वर्ण जयंती पर बधाई देते हुये एक इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया। इस मौके पर श्रीमती सविता कोविंद, पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी। सिंह बदनौर। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर, डीएवी कॉलेज प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष डा। पूनम सिंह तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे। श्री सोलंकी ने भी इस मौके पर कॉलेज की दो एनसीसी कैडेट प्रिया पौड़यिल और आल्या को उनकी राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया। श्री देवव्रत ने भी आईएएस पल्का सैनी, आईपीएस सोनिया नारंग, आईईएस दिलाशा वासुदेवा, कैप्टन(रिटायर्ड) रूचि शर्मा तथा अन्य महिलाओं को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया।
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