लुधियाना-पटियाला : सिखों की निहंग सिंह जत्थेबंदी दमदमी टकसाल और सिख प्रचारक रंजीत सिंह ढंढरिया वाले के मध्य चल रहे विवाद को लेकर पंजाब सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के आदेशों उपरांत आज परमेश्वर द्वार के बाहर और अंदरूनी हिस्सों में विशेष पुलिस की टीम ने सुरक्षा को लेकर निरीक्षण किया। इस अवसर पर एसपी हैड क्वार्टर भी मौजूद थे।
उक्त अधिकारी पंजाब के मुख्यमंत्री के आदेशों उपरांत सिख प्रचारक संत रंजीत सिंह ढंढरिया वाले की सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत जांच करने आएं थे। स्मरण रहे कि दमदमी टकसाल के प्रवक्ता चरणजीत सिंह जसोवाल ने रंजीत सिंह ढंढरिया वाले को जान से मारने की कथित तौर पर धमकी दे रखी है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने 20 मई को सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से संबंधित रिपोर्ट का खुद नोटिस लिया था और मुख्यमंत्री ने दमदमी टकसाल को अपनी धार्मिक सीमाएं ना लांघने की चेतावनी दी थी।
उधर दमदमी टकसाल का इस चेतावनी के उपरांत पारा चढ़ता नजर आया। टकसाल के आगुओं ने एकजुट होकर कहा कि कांग्रेस का मुख्यमंत्री दमदमी टकसाल के सम्मान को चोट पहुंचाने से बाज आएं। उन्होंने कहा कि दमदमी टकसाल किसी भी जबर-जुलम से भयभीत होने वाली नहीं। टकसाल के प्रमुख हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान बहुत ही गैर जिम्मेदराना है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि दमदमी टकसाल गुरू सिद्धांतों के मुताबिक ना तो किसी से डरती है और ना ही किसी को डराती है। इसलिए हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह को नहीं भूलना चाहिए कि वह पंजाब के लोगों ने रंजीत सिंह ढंढरिया वाले जैसे गुरू निंदको की तरफदारी करने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार के लहजे में कैप्टन द्वारा दमदमी टकसाल के प्रमुख जत्थेदार को निशाना बनाया गया है उससे जाहिर है कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह दमदमी टकसाल के प्रमुख को नुकसान पहुंचाना चाहते है। उन्होंने कहा कि दमदमी टकसाल ने 300 सालों के इतिहास के दौरान प्रत्येक हुकूमती साम्राजय के जबर-जुलम और अत्याचारों को जिस्म पर झेला है। सो, दमदमी टकसाल को अत्याचारों का डर दिखाकर नही दबाया जा सकता। उन्होंने कैप्टन को सवाल किया कि जब ढंढरिया वाला दमदमी टकसाल के प्रमुख की दस्तार को हाथ हाथ डाल रहा था, उस वक्त वह कहां थे।
– सुनीलराय कामरेड
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