पंजाब को लेकर सिख कट्टरपंथियों के जनमतसंग्रह 2020 को कथित समर्थन को लेकर घिरे पंजाब से आप विधायक सुखपाल सिंह खैहरा को आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नाराजगी का सामना करना पड़ा। केजरीवाल ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया।
आप नेताओं ने बताया कि पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता खैहरा आप के वरिष्ठ नेताओं से मिलने के लिए वर्तमान समय में दिल्ली में हैं। खैहरा ने बाद में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात की। सिसोदिया ने खैरा की खिंचाई की और उनसे कहा कि वह अपने कृत्य को लेकर सफाई दें।
आप के एक नेता ने कहा कि सिसोदिया ने खैहरा की खिंचाई की और उनसे कहा कि उनके जनमतसंग्रह विचार को लेकर आप का कोई लेना देना नहीं है। सिसोदिया ने उनसे यह भी कहा कि वे पंजाब पार्टी अध्यक्ष के जरिये अपना रूख समझायें।
गत सप्ताह खैहरा ने कथित रूप से कहा था मैं सिख जनमत संग्रह ..2020’ का समर्थन करता हूं क्योंकि सिखों ने जिन ज्यादतियों का सामना किया है, उनके लिए उन्हें न्याय पाने का अधिकार है। पंजाब में कांग्रेस और भाजपा सहित विपक्षी दल इस मुद्दे पर आप को घेरने के साथ साथ खैरा को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिख कट्टरपंथियों के अभियान का समर्थन करके ‘‘ अलगाववाद का समर्थन ’’ करने के लिए खैरा की निंदा की है।
आलोचनाओं के बीच खैहरा ने अमरिंदर को जवाब देते हुए ट्वीट किया था मैं हैरान हूं कि आपके स्तर का एक नेता तथ्यों की जांच किये बिना मेरे खिलाफ ट्वीट कर रहा है। मैं ‘2020 का मतदाता ’ नहीं हूं लेकिन मुझे सिखों के प्रति केंद्र सरकारों की लगातार भेदभाव वाली नीति की ओर ध्यान दिलाने में कोई हिचक नहीं है। चाहे वह दरबार साहेब पर हमला हो या सिखों पर अत्याचार जिससे यह ‘2020’ आया। ’’
केंद्रीय मंत्री एवं शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कल कहा था कि अरविंद केजरीवाल नीत आप को सिख जनमतसंग्रह अभियान का समर्थन करने के लिए खैरा को बर्खास्त कर देना चाहिए।
दिल्ली में आप नेताओं ने दावा किया कि केजरीवाल खैहरा से बहुत नाराज हैं जिन्होंने कहा है कि मीडिया ने उन्हें ‘‘ गलत तरीके से उद्धृत ’’ किया।
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