लुधियाना : जून 1984 के आप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान भारतीय सैनिक और पुलिस द्वारा किए गए हमले के दौरान शहीद हुए संत जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले, जरनल शुबेक सिंह और भाई अमरीक सिंह समेत अन्य सिंह सिंहनियों व निर्दोष लोगों के चित्र लगवाने के उददेश्य से दमदमी टकसाल द्वारा श्री दरबार साहिब के गलियारों में शहीदी गैलरी की जो कारसेवा शुरू की गई है, उस गैलरी में किस-किस शहीदों की तस्वीरें लगाई जानी है, इस संबंध में अभी तक ना तो टकसाल के पास कोई पुख्ता जानकारी है और ना ही शिरोमणि कमेटी के पास कोई रणनीति है।
आप्रेशन ब्लू स्टार के दौरान कितने खाड़कू और कितने दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालु गोलियों से शहीद हुए, उनकी सही संख्या अभी तक सामने भी नहीं आ सकी। तत्कालीन सरकार द्वारा इस संबंध में जारी किए गए वाइट पेपर के जवाब में शिरोमणि कमेटी द्वारा भी सन् 1996 में डॉ ढिल्लो द्वारा वाइट पेपर तैयार किया गया था परंतु अब वह भी शिरेामणि कमेटी की सिख रैफरेंस लाइब्रेरी में उपलब्ध नहीं है।
पंथक गलियारों में चर्चा है कि इस बारे शिरोमणि कमेटी या किसी अन्य सिख संस्था द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार की खोजपूर्ण कार्यवाही या आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाए गए। दल खालसा संगठन के महासचिव कंवरपाल सिंह के अनुसार उन्होंने अपनी एक विशेष टीम के द्वारा उस दौरान शहीद खाड़कूओं के घर तक अप्रोच करके 220 के करीब शहीदों के नाम सहचित्र डायरेक्टरी तैयार की थी और अधिकांश शहीदों की तस्वीरें इकटठी की गई थी।
दूसरी तरफ शिरोमणि कमेटी द्वारा केंद्रीय अजायबघर में लगाई गई शहीदों की सूची में संख्या 741 दर्शाई गई है। बताया जाता है कि इनमें 42 के करीब शिरोमणि कमेटी के कर्मचारी व अधिकारी भी थे, जो संगत को बचाते हुए गोलीबार के दौरान शहीद हुए। यह भी पता चला है कि आप्रेशन ब्लू स्टार के चश्मदीद गवाहों और प्रत्यक्षदर्शियों से हुई बातचीत को ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में रिकार्ड करने या वीडियो बनाने जैसे उपाए वाले प्रोजैक्ट को शुरू करने संबंधित शिरोमणि कमेटी द्वारा आजकल कोई भी यत्न नहीं किए गए।
– सुनीलराय कामरेड