लुधियना : सियासत में अकसर उठापटक करके बिना किसी एमएलए-एमपी चुनाव लड़े सत्ता के अहम पदों और केबिनेट मंत्रियों के पदों पर विराजमान रहने वाले पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के दिगगज नेता बलवंत सिंह रामूवालिया आज विधिपूर्वक लोकसभा चुनावों से पूर्व पंजाब की सियासत में पुन: लौट आए है।
उन्होंन आज लुधियाना में रखे एक विशेष कार्यक्रम के दौरान अपनी पूर्व लोक भलाई पार्टी को पुन: लांच किया है। हालांकि वह इसे एक गैर-राजनीतिक मंच करार दे रहे है और समाजवादी पार्टी सुप्रीमों से बात करके इसे सियासी शक्ल देने की बात कह रहे है।
स्मरण रहें कि बलवंत सिंह रामूवालिया सिख पंथक नेता हरचरण सिंह लोंगोवाल की छत्रछाया में आल इंडिया सिख फैडरेशन नामक सिख नौजवानों के संगठन का नेतृत्व करते हुए राजीव गांधी लोंगोवाल समझौते के दौरान काफी सक्रिय भूमिका निभाते रहे है।
इन्होंने 1997 में पंजाब में लोक भलाई पार्टी के नाम से अपनी पार्टी खड़ी की थी तथा नवंबर 2011 में इसे उस समय भंग कर दिया गया जब रामूवालिया अकाली दल में शामिल हो गए। 2007 में पार्टी ने विधानसभा चुनाव में अपने उममीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे लेकिन एक भी सीट हासिल नहीं कर सके थे। यहां तक की लुधियाना संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई गई थी लेकिन यहां भी असफलता का चेहरा देखना पड़ा। सबसे बड़ी बात यह है कि आज लोक भलाई पार्टी के पुर्न गठन के ऐलान के समय रामूवालिया ने पंजाब के सबसे बड़े एवं गंभीर मुद्दे ड्रगस को चुना तथा इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की।
रामूवालिया इस समय यूपी विधानसभा परिषद् के सदस्य है जहां उनका कार्यकल 2022 तक का है। वह यूपी की अखिलेश सरकार में 2015 से 2017 तक कैबिनेट मंत्री रहे। वह समाजवादी पार्टी के वर्किंग कमेटी के भी सदस्य है।
– सुनीलराय कामरेड