लुधियाना : पीर-पैगेम्बरों और गुरूओं की धरती के नाम से विख्यात पंजाब राज्य में बौद्धिक पक्ष व सामाजिक नैतिक मूल्यों से हीन होते जा रहे इतिहास में एक और काला अध्याय शामिल हो गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार पंजाब में एक वर्ष में ही 12 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं से दुष्कर्म के 63 मामले सामने आए हैं।
इसके अतिरिक्त एक वर्ष के समय में ही लड़कियों के साथ उनके संगे पारिवारिक सदस्यों व करीबी रिश्तेदारों द्वारा दुष्कर्म के 71 केसों का खुलासा हुआ है। ब्यूरो द्वारा जारी वर्ष 2016 के इन आंकड़ों के अनुसार पंजाब में 6 वर्ष से कम आयु की बच्चियों से दुष्कर्म के 15 मामले दर्ज हुए। इसके अलावा 6 से 12 वर्ष की बच्चियों से दुष्कर्म के 33 मामले सामने आए।
यहीं बस नहीं, इस एक वर्ष दौरान 12 से 16 वर्ष आयु की लड़कियों से दुष्कर्म के 175 मामले सामने आए। इसके अलावा पंजाब से 39 मामले ऐसे बताए गए हैं, जिनमें लड़कियों के साथ उनके रिश्तेदारों द्वारा ही दुष्कर्म को अंजाम दिया गया। 16 मामले ऐसे बताए गए हैं, जिनमें दादा/ पिता/ भाई या पुत्र द्वारा ही लडक़ी या महिला के साथ यह कुकर्म किया गया, जबकि 26 मामले ऐसे दर्शाए गए हैं, जिनमें दुष्कर्म करने वाले, लडक़ी के करीबी पारिवारिक सदस्य थे।
जानकारों का कहना है कि बहुत ही छुपे ढंग से गत एक दशक दौरान हमारे कुछ पंजाबी गायकों व कुछ गीतकारों ने जो कुछ परोसा है और जैसे नशों व हथियारों का सरेआम पसार हुआ है, यह सामाजिक गिरावटें उसी का नतीजा हैं। अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
– सुनीलराय कामरेड