लुधियाना-पटियाला : पंजाब की सियासी हस्तियों जिनमें पंजाब मंत्रीमंडल के अधिकांश मंत्रियों और विधायकों के अतिरिक्त पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत सैनिक शख्सियतों और प्रमुख समाज सेवकों व अलग-अलग धर्मो से संंबंधित शख्सियतों की मौजूदगी में 94 वर्षीय राजमाता को आज अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में इलाका निवासी बिछड़ी रूह को नम आंखों से अंतिम विदाई देने के लिए अंतिम संस्कार से पहले न्यू मोतीबाग पैलेस में पहुंचे हुए थे।
शाही घरानों से हिमाचल प्रदेश, जम्मू- कश्मीर और राजस्थान के कई शाही परिवारों के प्रमुख भी इस अवसर पर विशेष तौर पर पहुंचे थे। दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब के राजयपाल वीपी सिंह बदनौर, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष केपी सिंह, हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुडडा, पंजाब विधानसभा उपाध्यक्ष अजायब सिंह बटटी, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कैबिनेट मंत्री ब्रहम महिंद्रा, साधु सिंह धर्मसोत, सांसद संतोख चौधरी, पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भटठल, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना, हरविंद्र सिंह सरना, सांसद धर्मवीर गांधी, सुच्चा सिंह छोटेपुर, परमिंद्र सिंह ढींढसा और शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के अध्यक्ष और पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान समेत पंजाब के कई विधायक भी पहुंचे हुए थे।
अंतिम यात्रा की विदाई के वक्त शहर की समस्त दुकानें और बाजार बंद थे। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त बनाए रखने के लिए प्रशासन ने भारी सुरक्षाबल तैनात किया हुआ था। राजमाता के सोमवार शाम स्वर्गवास हो जाने के पश्चात मंगलवार को उनकी अंतिम यात्रा मोती बाग पैलेस से पूरे राजकीय सम्मान के साथ शुरू होकर फव्वारा चौक, शेरा वाला चौक, तवकली मौड़, धर्मपुरा बाजार, अनारदाना चौक से होते हुए गुड़मंडी की तरफ से शाही समाधों पर पहुंची। इस दौरान पटियाला के हर धर्म से संबंधित लोगों ने राजमाता पर गुलाबों की पंखुडिय़ों की वर्षा करके अपनी श्रद्धांजलि भेंट की। दिवंगत राजमाता की अंतिम यात्रा में शामिल लोग राजमाता अमर रहें के नारें बुलंद कर रहे थे। मुंख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह, श्रीमती परनीत कौर के अतिरिक्त बड़ी संख्या में पारिवारिक सदस्य और कांग्रेसी समर्थक साथ चल रहे थे।
शमशान घाट पर पहुंचने के साथ ही अंतिम क्रियाओं में शामिल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और उनके भाई मलविंद्र सिंह और पुत्र रणइंद्र सिंह के साथ राजमाता को अरदास उपरांत मुखागनी दी। इस अवसर पर परिवार के नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा कैप्टन अमरेंद्र सिंह के बहनोई पूर्व केंद्रीय मंत्री कंवर नटवर सिंह और मेजर कंवलजीत सिंह ढिल्लो भी अपने बेटों के साथ उपस्थित थे। कैप्टन अमरेंद्र सिंह के पौते और दोहते र्निवाहन सिंह, अंगद सिंह और यादविंद्र सिंह भी अंतिम क्रियाओं में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि राजमाता का गत रात लंबी बीमारी के कारण निधन हो गया था। राजमाता महिंद्र कौर के पिता हरचंद सिंह जायजी रियासत प्रजामंडल के सदस्य थे। उनकी शादी अगस्त 1938 में 16 साल की आयु में ही पटियाला रियासत के महाराजा यादविंद्र सिंह के साथ हुई थी। शादी के उपरांत उन्हें नया नाम मेहताब कौर दिया गया था। महाराजा यादविंद्र सिंह को पहली शादी से संतान नही हुई थी इसी कारण उन्होंने दूसरी शादी राजमाता के साथ की थी। राजमाता महिंद्र कौर ने पहले एक बेटी हेमिंद्र कौर, फिर दो बेटे अमरेंद्र सिंह व मलविंद्र सिंह और उसके पश्चात उन्होंने एक और बेटी रूपिंद्र कौर को जन्म दिया।
– सुनीलराय कामरेड